टीडीबी-डीएसटी ने मेसर्स वेस्टेक पावर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र की ओर से स्वदेशी सुपरकैपेसिटर ऊर्जा भंडारण सिस्टम के लिए सहयोग को मंजूरी दी
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने भारत के औद्योगिक और रक्षा क्षेत्रों से संबंधित महत्त्वपूर्ण ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से “मोबाइल हाई-पावर कंटेनराइज्ड सुपरकैपेसिटर एनर्जी स्टोरेज सिस्टम” के विकास के लिए मेसर्स वेस्टेक पावर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को आर्थिक मदद को मंजूरी दी।
इस परियोजना का उद्देश्य एक उच्च-प्रदर्शन, मॉड्यूलर सुपरकैपेसिटर-आधारित ऊर्जा भंडारण सिस्टम का स्वदेशी रूप से डिजाइन और व्यावसायीकरण करना है, जो तेज चार्जिंग और डिस्चार्जिंग में सक्षम हो। ऐसी प्रणालियां पल्स पावर, ग्रिड स्थिरीकरण, औद्योगिक स्वचालन और क्षेत्र-तैनाती योग्य रक्षा कार्यों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, जहां पारंपरिक बैटरी प्रौद्योगिकियां रुकावट का सामना करती हैं। इस नवाचार से ऊर्जा तन्यकशीलता बढ़ने, आयात निर्भरता कम होने और उन्नत ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
श्री अमित कौल बामजई और डॉ. रोहिणी भट्ट की ओर से स्थापित किया गया वेस्टेक पावर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड लगातार आंतरिक अनुसंधान एवं विकास के जरिए हाई-पावर घनत्व वाले सेल और मीडियम से हाई-वोल्टेज कंटेनरीकृत सुपरकैपेसिटर प्रणालियों के विकास में लगा है। इसके प्रारंभिक चरण के अनुसंधान को नौसेना सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएमआरएल), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से किया गया था, जो वैज्ञानिक नवाचार और राष्ट्रीय रणनीतिक इस्तेमाल के बीच एक मजबूत कड़ी का प्रतीक है।
कंपनी के पास अभी दो स्वीकृत पेटेंट हैं – “एक उच्च क्षमता वाला सुपरकैपेसिटर सेल और उसकी विधि” और “108 वोल्ट सुपरकैपेसिटर मॉड्यूल और उसकी विधि” – और इलेक्ट्रोड सामग्री, पल्स पावर बैंक और स्केलेबल सुपरकैपेसिटर मॉड्यूल में पांच अन्य पेटेंट लंबित हैं।
समझौते पर अपनी बात रखते हुए, टीडीबी के सचिव, श्री राजेश कुमार पाठक ने कहा : “यह पहल राष्ट्रीय प्रभाव वाली स्वदेशी तकनीकों के विकास और व्यावसायीकरण को प्रोत्साहन देने के टीडीबी के अधिदेश का प्रतीक है। सुपरकैपेसिटर-आधारित सिस्टम भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए एक रणनीतिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो वैज्ञानिक नवाचार को रक्षा और उद्योग के लिए व्यावहारिक अनुप्रयोगों के साथ जोड़ती हैं। ऐसी परियोजनाओं के माध्यम से, टीडीबी भारत को प्रौद्योगिकी आयातक से प्रौद्योगिकी विकासकर्ता और निर्यातक के रूप में परिवर्तित करने में सक्षम बनाता रहेगा।”
वेस्टेक पावर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रोमोटर्स ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “टीडीबी का सहयोग प्रयोगशाला नवाचार से लेकर बड़े पैमाने पर तैनाती तक की हमारी यात्रा को गति प्रदान करेगा। यह परियोजना सुपरकैपेसिटर तकनीक में भारत की क्षमता स्थापित करने और एक स्थायी, आत्मनिर्भर ऊर्जा इकोसिस्टम के निर्माण में योगदान देने में मदद करेगी।”
स्वदेशी सुपरकैपेसिटर तकनीक के व्यावसायीकरण का समर्थन करके, टीडीबी आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने, गहन तकनीकी उद्यमिता को बढ़ावा देने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी, उच्च-प्रभावी समाधानों के लिए मेक इन इंडिया नवाचार को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका को सुदृढ़ करता है।
