आत्महत्या के बाद ही किसानों को मदद…? फडणवीस, शिंदे, अजीत पवार की भाजपा सरकार अजीब है! संगठन का गंभीर आरोप

पुणे, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
किसानों की आत्महत्या में सरकार की संलिप्तता के कारण 13 किसान आत्महत्या के बाद लापता भी हो गए! 1 जुलाई 2025 से शुरू होने वाले मानसून सत्र के पहले दिन यानि 1 जुलाई कृषि दिवस पर ही राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद पाटिल ने जो आंकड़े दिए, वो चमत्कारी थे, उनमें भी आत्महत्या करने वाले किसानों के आंकड़ों में घोटाला था। हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन वाली अजीब महाघोटाला करने वाली फडणवीस, शिंदे, अजीत पवार सरकार पर संघ़टन ने गंभीर आरोप लगाया है कि यह घोटाला 1 जुलाई किसान दिवस पर.! यह आरोप शरद जोशी विचारमंच शेतकरी कामगार महासंघ फाउंडेशन शेतकरी संगठन द्वारा किया गया।
जनवरी, फरवरी, मार्च 2025, ये शुरू के पिछले तीन महीनों में, महाराष्ट्र राज्य में लगभग 767 किसानों ने आत्महत्या की है, जिनमें से 373 वैध थे और सरकार ने 381 किसान आत्महत्या के मामलों को अयोग्य घोषित किया है। इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की आत्महत्या के बाद भी उन्हें परेशान करना बंद नहीं किया है। महाराष्ट्र राज्य में फडणवीस, शिंदे, अजीत पवार की अजीब सरकार किसानों को उनकी आत्महत्या के बाद भी सम्मान के साथ आत्म शांति की अनुमति नहीं देती है।
गत जनवरी, फरवरी, मार्च 2025 3 महीनों में आत्महत्या करने वाले 767 किसानों में से केवल 373 आत्महत्याग्रस्त किसान के परिवार को ही मदद की गई, जबकि सरकार ने इनमें से 13 आत्महत्याओं को गायब कर दिया है। किसान संगठन ने भाजपा सरकार पर किसानों की आत्महत्याओं को छिपाने का गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा महाभ्रष्ट मोदी फडणवीस की नीति भ्रष्ट सरकार है और चरम भ्रष्टाचार की सरकार है, यह गंभीर आरोप शरद जोशी विचारमंच शेतकरी कामगार महासंघ फाउंडेशन शेतकरी संगठन ने लगाया है।
1 जुलाई कृषि किसान दिन से चल रहे अधिवेशन में जब सरकार ने किसान आत्महत्याओं के बारे में विपक्ष विधायक डॉक्टर प्रज्ञा पाटिल, भाई जगताप, राजेश राठोड, संजय खोडके, पूर्व मंत्री सतेज पाटिल आदि ने जानकारी मांगी तो उपरोक्त जानकारी दी गई। सहायता एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद पाटिल ने बताया कि केवल 373 मामले ही सहायता के योग्य हैं, जबकि लगभग 381 किसानों के मामले लंबित हैं और संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय समन्वयक विट्ठल राजे पवार ने गंभीर आरोप लगाया है कि उनमें से 13 आत्महत्याओं की संख्या कम लगती है।
इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक दत्ताजी आवारी, पुणे शहर जिला अध्यक्ष अनिल भाड़वलकर, गुजरात राज्य महिला अध्यक्ष नीलिमा देसाई, मुंबई प्रांत अध्यक्ष निवृत्ति भाराटे, भिवंडी ठाणे जिला अध्यक्ष एडवोकेट मीना सोनावणे उपस्थित थे।