विद्यार्थियों, क्रमिक पुस्तकों के साथ अतिरिक्त पठन की आदत डालें : डॉ. अशोक बालगुडे
ज्ञानप्रबोधिनी विद्यालय में राष्ट्रीय ध्वज को दी गई सलामी

हड़पसर, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
हाल ही में प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गई है, इसलिए प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए स्कूली जीवन में क्रमिक किताबों के साथ-साथ पाठ्येतर पढ़ने की आदत डालें। पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखें, मोबाइल का इस्तेमाल ज़रूरत पड़ने पर ही करें, क्योंकि मोबाइल पर आपको जवाब तो मिल जाएँगे, लेकिन आप पढ़ाई नहीं कर पाएँगे। इसके लिए आपको पढ़ाई ही करनी होगी। यह विचार वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अशोक बालगुडे ने व्यक्त किए।

ससाणेनगर स्थित महात्मा फुले विद्यानिकेतन के ज्ञानप्रबोधिनी विद्यालय में छात्रों ने कराटे, तलवारबाजी व लाठी चलाने का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर डॉ. बालगुडे ने प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों के साथ स्कूल को पठनीय पुस्तकें उपहार में प्रदान कीं। यहां पूर्व नगरसेवक योगेश ससाणे, उज्ज्वला जंगले, महेश ससाणे, शीतल संजय शिंदे, मुख्याध्यापिका कल्पना त्रिपाठी, पर्यवेक्षक अभय पाटिल, नीता गुंजीकर, कल्पना लूक, शुभांगी डावखरे के साथ छात्र व अभिभावक उपस्थित थे। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सामूहिक कवायत और नृत्य प्रस्तुत किए। बच्चों ने आज़ादी की यादें भी ताज़ा कीं। छात्रवृत्ति और 10वीं एवं 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। रोटरी क्लब ऑफ मगरपट्टा ई-लाइट की अध्यक्षा स्मिता वाघ ने विद्यार्थियों को अध्ययन ऐप प्रदान किया।

पूर्व गुट विकास अधिकारी सुनील गायकवाड़ ने कहा कि छात्रों के समग्र विकास के लिए अच्छा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य ज़रूरी है। सूचना प्रौद्योगिकी का सदुपयोग ज़रूरी है। जीवन भर ज्ञान प्राप्त करने के लिए क्रमिक पुस्तकों के साथ-साथ अतिरिक्त पठन की भी ज़रूरत है।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक प्रधानाचार्य रवींद्र वाघ ने किया। सूत्र संचालन अरुण श्रीखंडे ने किया।

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