12/07/2025

राज्य की जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शासन प्रयत्नशील : सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटिल

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पुणे, जून (जिमाका)
राज्य की जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को संकट से उबारने के लिए उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की कोशिश सरकार कर रही है। यह विचार सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने व्यक्त किए।

साखर संकुल में राज्य की जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर विधायक प्रवीण दरेकर, सहकारिता, विपणन और वस्त्र विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुप कुमार, सहकारिता आयुक्त दीपक तावरे, विपणन निदेशक शैलेश कोतमिरे, महाराष्ट्र राज्य सहकारी परिषद के अध्यक्ष विद्याधर अनास्कर, पूर्व विधायक शिवाजी कर्डीले, विभिन्न सहकारी बैंकों के पदाधिकारी, निदेशक, प्रमुख कार्यकारी अधिकारी उपस्थित थे।

श्री वलसे पाटिल ने कहा कि संकटग्रस्त जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को संकट से बाहर निकालने और अधिक नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए एक प्रस्ताव बनाया जाना चाहिए। वित्तीय संकट में फंसे नागपुर और नासिक जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक से नोटिस मिला है। इन बैंकों की हालत सुधारने के लिए एक अलग योजना पर विचार किया जाना चाहिए। जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक एवं जिला विकास समिति की वित्तीय व्यवहार्यता की दृष्टि से प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएं।

सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के प्रति आग्रही एवं सकारात्मक है।

राज्य में विभिन्न कार्यकारी सहकारी समितियों के गैर-निष्पादित ऋणों की असमानता को कम करने के लिए सभी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंकों को एक योजना तैयार करके सरकार को प्रस्तुत करनी चाहिए। विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार के साथ-साथ बैंक के प्रशासक को भी बैंक की वित्तीय प्रगति के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

बैंक को नई कार्यकारी सोसाइटी को पंजीकृत करने का प्रयास करना चाहिए। वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए बैंक को नवीन गतिविधियाँ क्रियान्वित करनी चाहिए। उन्होंने बैंक प्रशासकों को विस्तृत नियोजन योजना तैयार कर उसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिये, ताकि बैंक आत्मनिर्भर बन सकें।
छोटी क्षमता की गन्ना काटनेवाली मशीन की खरीद के लिए चीनी आयुक्त ने संबंधित चीनी मिलों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से चर्चा कर एक नीति तैयार करने और इस नीति को महाराष्ट्र सहकारी विकास निगम और अन्य सरकारी निगमों के माध्यम से लागू करने के निर्देश दिए।

बैंक को पात्र किसानों को समय पर फसली ऋण वितरित करने के लिए कदम उठाना चाहिए। समय पर ऋण चुकानेवाले किसानों को ऋण मिला है इस बारे में संबंधित जिला सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार या सहायक रजिस्ट्रार को यह सुनिश्चित करना चाहिए।

श्री वलसे पाटिल ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना के तहत लंबित मामलों को तुरंत निपटाने की कार्रवाई की जाए।
विधायक दरेकर मुसीबत में फंसी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को बाहर करने के लिए सरकार की ओर से पर्याप्त प्रावधान किया जाना चाहिए और इस संबंध में एक अलग तंत्र बनाने का सुझाव दिया गया।

श्री अनास्कर ने कहा कि बैंकों को उनका लेनदेन पारदर्शी रहे इसलिए सावधानी बरतनी होगी। राज्य सहकारी बैंक की ओर से जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को विश्वास में लेकर सहयोग करने की योजना तैयार की जाएगी।

श्री कुमार ने कहा कि खरीफ सीजन 2024 के लिए जिला बैंकों को 17 हजार 443 करोड़ रुपये फसल ऋण वितरण का लक्ष्य है। बैंकों ने 11 हजार 885 करोड़ रुपये का फसली ऋण वितरित कर लक्ष्य का 68 फीसदी हासिल कर लिया है। किसानों को 30 जून तक ऋण आवंटन पूरा करें।

बैठक में जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति, फसली ऋण वितरण, सहकारी ऋण वसूली आदि विषय के संबंध में चर्चा की गई।

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