सिंचाई के लिये दिन में बिजली देने के लिये 8000 मेगावाट सोलर एनर्जी के टेंडर निश्चित

सिंचाई के लिये दिन में बिजली देने के लिये 8000 मेगावाट सोलर एनर्जी के टेंडर निश्चित

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में दी जानकारी

मुंबई, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के माध्यम से सौर ऊर्जा का उपयोग कर 8000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता के टेंडर निश्चित किये गये हैं, जो देश में एक रिकॉर्ड है। संबंधित कंपनियों को लेटर ऑफ इंटेंट देने के बाद वे 18 महीनों में परियोजना का निर्माण कर लेंगी और उसके बाद किसानों को सिंचाई के लिए नियमित रूप से दिन में बारह घंटे बिजली मिलेगी। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विधान परिषद में दी है।
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि किसानों ने सिंचाई के लिए दिन में बिजली आपूर्ति की मांग है। इसके लिए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के माध्यम से बड़ी मात्रा में भूमि उपलब्ध कराई गई है। इस पर सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए आमंत्रित निविदाओं को रिकॉर्ड रिस्पान्स मिला है और 8000 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग से मंजूरी के बाद संबंधित कंपनियों को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता शुरू होने से पहले पत्र जारी कर दिए जाएंगे। इसके बाद कंपनियों को 18 महीने में प्रोजेक्ट स्थापित करना है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के तहत देश की नामी कंपनियों ने सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए टेंडर दाखिल किये हैं। इस योजना से राज्य के अधिकांश कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा के आधार पर बिजली उपलब्ध करायी जायेगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रस्तुत निविदाओं में 2 रुपये 90 पैसे से 3 रुपये 10 पैसे प्रति यूनिट की अच्छी दर पर बिजली उपलब्ध होगी। फिलहाल 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलने वाली बिजली किसानों को करीब 1.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से दी जाती है। इसके चलते प्रति यूनिट साढ़े पांच रुपये की सब्सिडी देनी पड़ती है। यह सब्सिडी राज्य सरकार के साथ-साथ उद्योगों को क्रॉस सब्सिडी लागू करके प्रदान की जाती है। अब जब बिजली कम दर पर उपलब्ध है तो किसानों की बिजली दर वही रखने पर भी सब्सिडी का पैसा कम होगा। इसके परिणामस्वरूप उद्योगों की बिजली दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि उन्हें और अधिक स्पर्धात्मक बनाया जा सकेगा।

केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 को स्वीकार कर लिया है और अन्य राज्यों को भी इस योजना को अपने राज्य में लागू करने की सिफारिश की है। इस योजना का अध्ययन करने के लिए कर्नाटक से एक प्रतिनिधि मंडल महाराष्ट्र आया था। राजस्थान ने भी इस योजना का अध्ययन किया है।
सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली पैदा करने और किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली की आपूर्ति करने के लिए, मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 का शुभारंभ अप्रैल 2023 में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किया गया था। इस योजना के लिए बड़ी मात्रा में सार्वजनिक भूमि उपलब्ध कराई गई है। साथ ही निजी जमीन को प्रति एकड़ पचास हजार रुपये वार्षिक किराया देकर किराये पर लिया जा रहा है। वर्तमान में किसानों को सिंचाई के लिए दिन और रात दो शिफ्ट में आठ घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है। रात में सिंचाई करने में किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसलिए लगातार मांग की जा रही है कि किसानों को पंपों के लिए केवल दिन में ही बिजली दी जाए।
यह जानकारी पुणे महावितरण कंपनी के उपमुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री निशिकांत राऊत द्वारा दी गई है।

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