मुंबई, अप्रैल (महासंवाद)
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में विकलांग कर्मियों द्वारा नियंत्रित मतदान केंद्र होंगे। राज्य भर में कुल 254 मतदान केंद्रों का नियंत्रण दिव्यांग कर्मियों द्वारा किया जाएगा। केंद्रीय चुनाव आयोग ने हर चुनाव क्षेत्र में विकलांगों के लिए मतदान केंद्र होने चाहिए, इस बात पर जोर दिया है, इसलिए ‘विकलांग नियंत्रित मतदान केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे।

रत्नागिरी जिले में सर्वाधिक कुल 30 मतदान केंद्रों का नियंत्रण दिव्यांगकर्मियों द्वारा किया जाएगा। जलगांव में 22, पुणे में 21, ठाणे में 18 और नासिक में 15 दिव्यांगकर्मियों द्वारा मतदान केंद्र नियंत्रित किए जाएंगे। अकोला, कोल्हापुर, लातूर, पालघर, परभणी, रायगढ़, ऐसे 6 जिलों में प्रत्येक में 1 दिव्यांग कर्मचारी नियंत्रित मतदान केंद्र होगा। गढ़चिरौली, सिंधुदुर्ग और वाशिम जिलों में दिव्यांगकर्मियों द्वारा संचालित मतदान केंद्र नहीं होंगे।
इस वर्ष मतदाता सूची में कुल 6,04,145 दिव्यांग मतदाता चिह्नित हैं। उनमें से जिन मतदाताओं की विकलांगता दर 40 प्रतिशत से अधिक होगी, ऐसे मतदाताओं के बीच इच्छुक मतदाताओं को डाक मतपत्र के माध्यम से घर पर मतदान की सुविधा उपलब्ध होगी।

विकलांग मतदाताओं के लिए (PwDs) सक्षम ऐप
भारत चुनाव आयोग ने इस वर्ष दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सक्षम ऐप उपलब्ध किया गया है। उस माध्यम से तथा विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अवधि में दिव्यांगों के लिए विशेष शिविर आयोजित कर अधिक से अधिक संख्या में दिव्यांग मतदाताओं का पंजीकरण कराया गया है। अब तक 6,04,145 मतदाताओं के नाम उनकी मांग के अनुरूप दिव्यांग मतदाता के रूप में चिन्हित किए गए हैं।

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