भारत सरकार के डाक विभाग ने आज डाक कर्मयोगी परियोजना की सफल यात्रा की स्मृति में एक विशेष कवर जारी कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की। इस कार्यक्रम में संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान की गरिमामयी उपस्थिति थी। इसमें 25 नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई और डाक कर्मयोगी परियोजना के दूसरे चरण का समापन किया गया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जो डाक कर्मयोगी परियोजना की उज्ज्वल यात्रा का प्रतीक है। इसके बाद सचिव (डाक) श्री विनीत पाण्डेय ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने डाक विभाग के ई-लर्निंग पोर्टल के रूपांतरणकारी प्रभाव को रेखांकित किया।
इस कार्यक्रम में एक आकर्षक लघु फिल्म ने डाक कर्मयोगी परियोजना के विकास और सफलता को प्रदर्शित किया, जो डिजिटल शिक्षण के माध्यम से डाक कर्मचारियों को सशक्त बनाने में इसकी भूमिका को रेखांकित करती है। राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान की ओर से विशेष कवर का अनावरण, डाक क्षेत्र को आगे बढ़ाने वाले समर्पण और नवाचार का उत्सव मनाने के रूप में यह एक महत्वपूर्ण अवसर था।

संवादात्मक सत्र के तहत प्रशिक्षुओं और प्रशिक्षकों को क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के व्यावहारिक लाभों पर जोर देने के साथ उन्हें अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करने का अवसर प्रदान किया गया। वहीं, सम्मान समारोह में मिशन कर्मयोगी को कार्यान्वित करने में अनुकरणीय योगदान के लिए शीर्ष तीन डाक मंडलों और उनकी असाधारण टीमों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में हर स्तर पर सफलता दिलाने वाले सहयोगात्मक प्रयासों को रेखांकित किया। इसके अलावा नई दिल्ली स्थित डाक निदेशालय और पीटीसी वडोदरा में मिशन कर्मयोगी डिवीजन की अग्रणी टीमों को भी परियोजना में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए समारोह के दौरान सम्मानित किया गया। इस राष्ट्रव्यापी परियोजना के लिए उनके समर्पण और सफल कार्यान्वयन को इसकी समग्र सफलता में महत्वपूर्ण कारकों के रूप में मान्यता दी गई।
श्री देवुसिंह चौहान ने अपने संबोधन में डाक क्षेत्र को डिजिटल युग के साथ जोड़ने में परियोजना की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आधुनिक विश्व की गतिशील मांगों के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए तकनीकी प्रगति को अपनाने और निरंतर सीखने के महत्व पर जोर दिया। मंत्री ने आगे पूरे देश के डाक कर्मचारियों के समर्पण और कड़ी मेहनत का उल्लेख किया और इस परियोजना को सफल बनाने में उनके सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की। श्री चौहान ने रेखांकित किया कि शुरू किए गए 25 नए पाठ्यक्रम और डाक कर्मयोगी परियोजना के दूसरे चरण का सफल समापन संचार के उभरते परिदृश्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए डाक कार्यबल को जरूरी कौशल से युक्त करने की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के सचिव श्री श्यामा प्रसाद रॉय ने अपने संबोधन में डाक विभाग के भीतर समावेशी विकास और निरंतर सीखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। वहीं, महानिदेशक (डाक सेवा) श्रीमती स्मिता कुमार ने सभी प्रतिभागियों और हितधारकों को उनके अटूट समर्थन और समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्टता और नवाचार को लेकर डाक विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
