संत एकनाथ ने ज्ञानी और अज्ञानियों के उत्कर्ष के लिए कार्य किया : ह.भ.प. योगीराज महाराज गोसावी

हड़पसर, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
स्वधर्म का पालन करना कठिन रहते हुए, ईश्वर धर्म को अपनाना ही एकमात्र कार्य केवल नाथों का नहीं बल्कि ज्ञानियों और अज्ञानियों की उन्नति के लिए भी किया गया, उनका कार्य हमें भुलाया नहीं जा सकता। यह विचार ह.भ.प. योगीराज महाराज ने ऋग्वेद भूषण पुरस्कार स्वीकार करते हुए व्यक्त किए।

देशस्थ ऋग्वेदी शिक्षणोत्तेजक संस्था के स्थापना दिन के अवसर पर प्रदान किया जानेवाला ऋग्वेद भूषण पुरस्कार शांतिब्रह्म संत एकनाथ महाराज के 14वें वंशज ह.भ.प. योगीराज महाराज गोसावी को प्रदान किया गया, तब वे बोल रहे थे। इस 24वें पुरस्कार का स्वरूप सम्मान पत्र, शॉल-श्रीफल, स्मृति चिन्ह और नकद राशि थी। इस अवसर पर यहां संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र कुलकर्णी, कार्याध्यक्ष जयंत देशपांडे, विश्वस्थ आदि उपस्थित थे।

इस पुरस्कार के साथ सवाई गंधर्व की पुत्री कै. प्रमिलाताई वसंत देशपांडे की याद में दिया जानेवाला पुरस्कार संगीत पुरस्कार जयदीप वैद्य को, स्व. सरदार आबासाहब मुजुमदार की याद में समाज भूषण पुरस्कार महाराष्ट्र ब्राम्हण सभा, पुणे संस्था को तो ऋग्वेद पुरस्कार श्रीनिधी स्वानंद धायगुडे को, इसके अलावा डॉ. आमोद साने (विज्ञान संशोधन), विक्रम हुंडेकर (आदर्श स्थापत्य शास्त्रज्ञ), महेश मंगेश तेंदुलकर (इतिहास संशोधन, साहित्य), रघुनाथ ढोले (आदर्श समाज सेवा), चंद्रशेखर जोशी (सर्वोदय) आदि गणमान्यों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

समारोह का प्रास्ताविक संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र कुलकर्णी ने किया। सूत्र-संचालन सचिव सुनील पारखी और आभार प्रदर्शन अनिल पानसे ने किया।

Please Share ...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *