बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति-एनसीएमसी की आज कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में बैठक हुई। मौसम विभाग के महानिदेशक ने बंगाल की खाड़ी के मध्‍य में, बांग्लादेश में खेपुपारा से लगभग 800 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और पश्चिम बंगाल में कैनिंग से 810 किमी दक्षिण में स्थित दबाव के क्षेत्र की जानकारी दी। इसके उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और कल रात तक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। चक्रवात के 26 मई की आधी रात के आसपास सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बांग्लादेश और इससे लगे पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है। इसके प्रभाव से 26 मई की शाम से 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने समिति को स्‍थानीय प्रशासन द्वारा चक्रवाती तूफान के संभावित मार्ग में लोगों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रारंभिक उपायों से अवगत कराया। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और जो लोग समुद्र में हैं उन्हें सुरक्षित स्थान पर बुलाया गया है। जिला नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय हो गए हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। पर्याप्त आश्रय स्थल, बिजली आपूर्ति, दवा और आपातकालीन सेवाएं तैयार रखी गई हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने 12 टीमों को तैनात किया है और 5 अतिरिक्त टीमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना तथा तटरक्षक बल की बचाव तथा राहत टीमों को तैयार रखा गया है। जहाजरानी महानिदेशक द्वारा कोलकाता और पारादीप के बंदरगाहों पर नियमित अलर्ट और परामर्श जारी किया जा रहा है। विद्युत मंत्रालय ने तत्काल बिजली बहाली के लिए आपातकालीन टीमों को तैनात किया है।

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