14/07/2025

रतन टाटा का 86 की उम्र में निधन

Ratan Tata
Contents hide
1 टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार देर रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट में एडमिट थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। टाटा का पार्थिव शरीर नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में रखा गया है। यहां लोग शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन कर सकेंगे। शाम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा को 7 अक्टूबर को भी ICU में भर्ती किए जाने की खबर थी। हालांकि, उन्होंने ही इसका खंडन करते हुए कहा था कि वे ठीक हैं, रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।
6 महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि रतन टाटा, दुनियाभर में फैले टाटा साम्राज्य के सबसे चमकदार रत्न थे। उन्होंने मैनेजमेंट की मॉडर्न तकनीकों को अपनाकर टाटा ग्रुप को दुनिया का भरोसेमंद ब्रांड बनाया। उन्होंने कभी भी टाटा के संस्थापकों के विजन से समझौता नहीं किया। आज जब नैतिकता का स्तर गिर रहा है, उस दौर में भी रतन टाटा व्यक्तिगत स्तर पर मॉरल वैल्यूज को थामे रहे। सही मायनों में रतन टाटा देश के उद्योग का प्रतिनिधित्व करते थे। हम विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर क्षेत्र में उनके भरोसे, उत्कृष्टता और नवीनता के मूल्यों को अपनाते हुए प्रयास कर रहे हैं, यही रतन टाटा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार देर रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट में एडमिट थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। टाटा का पार्थिव शरीर नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में रखा गया है। यहां लोग शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन कर सकेंगे। शाम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा को 7 अक्टूबर को भी ICU में भर्ती किए जाने की खबर थी। हालांकि, उन्होंने ही इसका खंडन करते हुए कहा था कि वे ठीक हैं, रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।

टाटा के निधन की जानकारी उद्योगपति हर्ष गोयनका ने सबसे पहले दी। उन्होंने रात 11:24 बजे सोशल मीडिया पर लिखा, ‘घड़ी की टिक-टिक बंद हो गई। टाइटन नहीं रहे। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे।’ 7 अक्टूबर को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रतन टाटा ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती हैं। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था। इसके बाद रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया था, ‘मैं ठीक हूं और ज्यादा उम्र के कारण रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल गया था। चिंता की कोई बात नहीं है।’

28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वह 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन थे। रतन, टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। रतन ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने एअर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया। विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा।

महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन के शोक की घोषणा की

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) की तरफ से कहा गया है कि रतन टाटा के निधन के चलते सरकार ने गुरुवार (10 अक्टूबर) को एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। सभी सरकारी बिल्डिंग्स में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और आज कोई भी सांस्कृतिक-मनोरंजन के कार्यक्रम नहीं होंगे। रतन टाटा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किया जाएगा।

महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि रतन टाटा, दुनियाभर में फैले टाटा साम्राज्य के सबसे चमकदार रत्न थे। उन्होंने मैनेजमेंट की मॉडर्न तकनीकों को अपनाकर टाटा ग्रुप को दुनिया का भरोसेमंद ब्रांड बनाया। उन्होंने कभी भी टाटा के संस्थापकों के विजन से समझौता नहीं किया। आज जब नैतिकता का स्तर गिर रहा है, उस दौर में भी रतन टाटा व्यक्तिगत स्तर पर मॉरल वैल्यूज को थामे रहे। सही मायनों में रतन टाटा देश के उद्योग का प्रतिनिधित्व करते थे। हम विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर क्षेत्र में उनके भरोसे, उत्कृष्टता और नवीनता के मूल्यों को अपनाते हुए प्रयास कर रहे हैं, यही रतन टाटा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- भारत रत्न रतन टाटा नहीं रहे। वे महाराष्ट्र के गौरव हैं। उन्होंने हजारों लोगों की मदद की। रतन टाटा हमारे देश के कोहिनूर थे। हमारे राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा योगदान है। वे एक ‘देशभक्त’ और ‘देश प्रेमी’ थे।

About The Author

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *