जीवनरक्षक आजादसिंह बच्चूसिंह टाक की तत्परता से बची दुर्घटना पीड़ित व्यक्ति की जान
हड़पसर, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को उपचार दिलाने के लिए रिक्शा में बिठाकर गाड़ीतल पर लाकर सड़क के किनारे ही छोड़कर भाग जाने की शर्मनाक घटना सामने आई है। दर्द से तड़पते दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को उपचार दिलाने में अहम भूमिका शहीद भगतसिंह जीवनरक्षक फाउंडेशन के जीवनरक्षक आजादसिंह बच्चूसिंह टाक ने निभाई।
गत सोमवार, 6 अगस्त की शाम 5 बजे हड़पसर गाड़ीतल से बच्चूसिंह टाक को फोन आया कि लोकसेवा हनुमान मंदिर गाड़ीतल पर एक व्यक्ति दुर्घटना में घायल अवस्था में पड़ा हुआ है। संदेश मिलते ही आजादसिंह टाक और सहयोगी शुभम झगड़े तुरंत दुर्घटना स्थल पर पहुंचे। वहां जाकर हादसे के शिकार व्यक्ति से पूछताछ करने पर पता चला कि उस शख्स का नाम गजानन नरहरि काले है। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि हादसा सुबह 11 बजे भेकराईनगर में हुआ। तब हादसे के स्थान पर उपस्थित लोगों ने मुझे ऑटो रिक्शा में बिठाकर अस्पताल में उपचार के लिए लेकर जाते हैं ऐसा कहकर यहां गाड़ीतल पर लाकर छोड़कर चले गए। पीड़ित व्यक्ति सुबह से शाम तक उपचार के बिना दर्द में कराहता हुआ पड़ा था, उसकी दर्द के मारे जान हलख तक आई थी, आखिरकार उस पीड़ित व्यक्ति की स्थिति की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए आजादसिंह ने तुरंत 108 पर संपर्क करके एंबूलेंस बुलाकर उस व्यक्ति को आगे की जांच एवं उपचार के लिए ससून हॉस्पिटल भेज दिया। सही मायने में और एक जान बचाने में अहम योगदान जीवनरक्षक आजादसिंह बच्चूसिंह टाक ने निभाया।
यह जो हादसा हुआ है वो इंसानियत को कलंकित करनेवाला है। उस पीड़ित व्यक्ति को उपचार दिलाने के लिए रिक्शा में बिठाकर लेकर तो चल पड़े किंतु उन्हें उपचार तो नहीं मिला, लेकिन दर्द की हालत में इस तरह छोड़कर भाग जाना क्या यह इंसानियत है? अगर आप किसी की जान बचाने के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाते हो तो वो पूरी लगन से बढ़ाना चाहिए। इस तरह से बीच रास्ते में ही ऐसे पीड़ित को छोड़ जाना क्या सही बात है।
-जीवनरक्षक डॉ. बच्चूसिंह टाक
संस्थापक/अध्यक्ष : शहीद भगतसिंह जीवनरक्षक फाउंडेशन
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