पानी के बिना जिएं तो जिएं तो कैसे? मांजरी के मांजराईनगर में पिछले तीन-चार महीनों से पानी की आपूर्ति बाधित!

पानी के बिना जिएं तो जिएं तो कैसे? मांजरी के मांजराईनगर में पिछले तीन-चार महीनों से पानी की आपूर्ति बाधित!

आम आदमी पार्टी के राजेंद्र सालवे ने किया पुणे महानगरपालिका व जलापूर्ति प्रशासन से सवाल
पुणे मनपा के मुख्य कार्यालय के सामने किया गया धरना आंदोलन

मांजरी, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
मांजरी बुद्रुक के मांजराईनगर परिसर में मालवाडी, कुंजीरबस्ती, वेतालबस्ती, सटवाईनगर, राजीव गांधीनगर, 116 घरकुल, 72 घरकुल के साथ झोपड़पट्टी भाग सहित गांवठाण में पिछले तीन-चार महीनों से पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। आज तक पुणे महानगरपालिका के सामने आठ बार विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद भी मनपा इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहा है? यहां के निवासियों को पानी न मिलने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही यहां पीने के टैंकर भी नियमित रूप से नहीं आते, तो पानी के बिना जिएं तो जिएं कैसे, यह हमें बताइए? यह सवाल पुणे महानगरपालिका व जलापूर्ति प्रशासन से आम आदमी पार्टी प्रभाग अध्यक्ष राजेंद्र गोविंद सालवे ने पूछा है।

पानी आपूर्ति की गंभीर समस्या से पुणे महानगरपालिका प्रशासन को अवगत कराने के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से पुणे मनपा के मुख्य भवन के सामने धरना आंदोलन किया गया।


राजेंद्र सालवे ने आगे बोलते हुए कहा कि पानी आपूर्ति न होने से यहां के सैकड़ों निवासी त्रस्त हो गए हैं। दिनांक 12/4/2023 पुणे महानगरपालिका आयुक्त के दालन में हुई संयुक्त बैठक में इस बस्ती में सुचारू जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निजी कुएं को अपने अधिकार में लेकर उक्त पानी को मांजरादेवी के सामने के सार्वजनिक कुएं में डालने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए गए थे और उससे 72 घरकुल, बस्ती और झुग्गी के अन्य क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करने के निर्देश जारी किए गए, लेकिन एक साल होने के बाद भी उक्त कुएं में अब तक पानी नहीं छोड़ा गया है। ग्रामपंचायत काल में इस कुएं में नियमित जलापूर्ति होती थी। स्थानीय राजनीति के दबाव में आकर अधिकारियों ने इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बंद कर दी है? इस संबंध में दोषी पाए जानेवाले संबंधित लोगों व अधिकारियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

उक्त कुएं में पानी नहीं होने के कारण 72 घरकुल के लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। नदी किनारे बोरवेल के माध्यम से सार्वजनिक टंकी में पानी जमा कर आज तक पानी की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन बार-बार मोटर खराब होने के कारण संबंधित प्रशासन ने जलापूर्ति बंद कर दी है। साथ ही टैंकर का पीने का पानी भी नियमित रूप से नहीं आ रहा है। इससे 72 घरकुल के 200 नागरिकों को पेयजल के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही गांवठाण की गणराज सोसायटी के निवासी भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं और विभिन्न झुग्गियों के निवासियों को भी नियमित रूप से उपयोग और पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जिसके कारण नागरिकों में प्रशासन के प्रति आक्रोश है।

अंत में राजेंद्र सालवे ने बताया कि पानी की आपूर्ति करने के लिए निम्नलिखित उपाय करना आवश्यक है –
72 घरकुल के निवासियों के लिए केशवनगर में नदी के किनारे स्थित कल्याणी के बंगले और नदी के किनारे के 72 घरकुल के बीच की दूरी दो से तीन किलोमीटर है वहां से पाइप लाइन स्वीकृत कर बस्ती को जलापूर्ति की जाए। इस क्षेत्र के 200 परिवारों को पानी की आपूर्ति शुरू करने के लिए 72 घरकुल में प्रतिदिन दो पानी के टैंकर रखे जाने चाहिए। 72 घरकुल में दो-तीन स्थानों पर बोरवेल स्वीकृत कर उसके माध्यम से जलापूर्ति शुरू की जाए।

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