आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साल्वे के स्मारक का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों भूमि पूजन

आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साल्वे के स्मारक का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों भूमि पूजन

आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साल्वे का स्मारक युवा पीढ़ी को ऊर्जा देगा : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

पुणे, मार्च (जिमाका)
मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे के हाथों आज आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साल्वे के स्मारक तथा उरुली देवाची में नगरीय विकास परियोजना के तहत विकास कामों का भूमि पूजन किया गया। स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साल्वे का स्मारक युवा पीढ़ी को ऊर्जा तथा प्रेरणा देगा। यह विचार मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने व्यक्त किये।


संगमवाडी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री तथा जिले के पालक मंत्री अजीत पवार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता की विरासत को आगे ले जाने वाले आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साल्वे का भव्य स्मारक निर्माण किया जा रहा है और इससे उन्हें काफी आनंद हो रहा है। उन्होंने कहा कि आद्य क्रांति गुरु लहुजी वस्ताद के आदर्शों के अनुसार चलाई जा रही महाराष्ट्र की सरकार ने सामान्य लोगों के लिए अनेक परियोजनाओं का आज उद्घाटन किया है। उन्होंने कहा कि मातंग समुदाय प्रमाणिक तथा मेहनती होता है और वह अपने वचन को पूरा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘बार्टी’ की तर्ज पर ‘आरटी’ की स्थापना कर सर्व सामान्य लोगों को न्याय देने का काम किया गया है।
श्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मातंग समुदाय के बच्चों को अब उच्च शिक्षा देना आसान होगा। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के इस युग में इस समाज को अन्य समाज के साथ विकास के प्रवाह में शामिल करने के प्रति सरकार कटिबद्ध है।


उन्होंने आगे यह भी कहा कि सरकार ने हाल ही में प्रस्तुत किये राज्य के बजट में किलो के लिए और महापुरुषों के स्मारकों के लिए प्रावधान किया है। नई पीढ़ी को महापुरुषों के कार्य और उनके बलिदान से प्रेरणा मिलने के उद्देश्य से स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भिड़े वाडा में भी सावित्रीबाई फुले का स्मारक निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लहुजी वस्ताद के हाथों के ‘दंडपट्टे’ को सरकार ने राज्य हथियार का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साल्वे के स्मारक के माध्यम से मातंग समुदाय की नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी और वह उच्च पदों पर विराजमान होंगे, इस बात का उन्हें पूरा विश्वास है।

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