वनाज से चांदनी चौक और रामवाड़ी से वाघोली मेट्रो मार्ग को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति

वनाज से चांदनी चौक और रामवाड़ी से वाघोली मेट्रो मार्ग को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति

-उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अनुवर्ती को मिली सफलता
-नई मेट्रो लाइन के कारण पुणे शहर में यातायात जाम की समस्या दूर होगी : अजीत पवार

पुणे, मार्च (जिमाका)
राज्य मंत्रिमंडल ने 11 मार्च को पुणे महानगर मेट्रो रेल परियोजना चरण-1 की वनाज से रामवाड़ी मार्ग की विस्तारित लाइन को वनाज से चांदनी चौक और रामवाड़ी से वाघोली (विट्ठलवाड़ी) परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। पुणे के परिवहन विकास में इस परियोजना के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस मेट्रो लाइन के लिए लगातार राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार के पास अनुवर्ती की थी। इसके अलावा उनके कार्यालय में परियोजना नियंत्रण कक्ष (प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट) के माध्यम से पुणे सहित राज्य की सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जा रही है। स्वीकृत परियोजनाएं समय पर पूरी हों, इसलिए इस कक्ष के माध्यम से यह भी प्रयास किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी नए मार्गों को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार और राज्य कैबिनेट में अपने सहयोगियों को धन्यवाद दिया। यह मार्ग नागरिकों को परिवहन का पर्यावरण-अनुकूल विकल्प प्रदान करके शहर में यातायात की भीड़ से छुटकारा पाने में मदद करेंगे। जल्द ही इस मार्ग का काम शुरू किया जाएगा।
पुणे महानगरपालिका ने महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से यह प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किया था। पुणे महानगर मेट्रो रेल परियोजना चरण-1 में वनाज से रामवाड़ी मार्ग पर विस्तृत मार्ग वनाज से चांदणी चौक 1.12 किलोमीटर लंबा है, इस मार्ग पर 2 स्टेशन प्रस्तावित हैं। रामवाड़ी से वाघोली (विट्ठलवाड़ी) मार्ग की लंबाई 11.63 किलोमीटर है और इस मार्ग पर 11 स्टेशन प्रस्तावित हैं।

कुल 12.75 किमी. लंबाई में और 13 उन्नत स्टेशनों के साथ 3 हजार 756 करोड़ 58 लाख रुपये की परियोजना पूर्ण लागत पर उन्नत मेट्रो रेल्वे परियोजना की महामेट्रो के माध्यम से कार्यान्वयन हेतु मंजूरी दे दी गई है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी हर एक को रुपये 496 करोड़ 73 लाख (15.40 प्रतिशत), केंद्रीय कर के 50 प्रतिशत राशि के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को द्वितीयक ऋण प्रत्येक राशि 148 करोड़ 57 लाख रुपये (4.60 प्रतिशत), द्विपक्षीय, बहुपक्षीय ऋण सहायता देनेवाली संस्थाएँ 1 हजार 935 करोड़ 89 लाख रुपये (60 प्रतिशत) इस प्रकार 3 हजार 226 करोड़ 49 लाख रुपये की परियोजना लागत केंद्र सरकार की अनुदान हेतु पात्र होगी।

इसके अलावा राज्य कर के लिए राज्य सरकार का ब्याज मुक्त माध्यमिक ऋण 259 करोड़ 65 लाख रुपए, भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार का ब्याज मुक्त माध्यमिक ऋण रुपए 24 करोड़ 86 लाख रुपये, राज्य सरकार का ब्याज मुक्त अधीनस्थ ऋण 65 करोड़ 34 लाख रुपये है। पुणे महानगरपालिका के जमीन के लिए योगदान 24 लाख रुपये, निर्माण अवधि हेतु ब्याज के लिए राज्य सरकार का ब्याज मुक्त द्वितीयक ऋण 180 करोड़ रुपये होगा।
परियोजना के लिए पुणे महानगरपालिका ने जमीन के लिए दिए जानेवाले योगदान के लिए 24 लाख रुपये वित्तीय सहायता / जमीन महामेट्रो को प्रदान करने के लिए पुणे महानगरपालिका को निर्देशित किया गया है। उक्त परियोजना में राज्य सरकार का हिस्सा 496 करोड़ 73 लाख रुपये महामेट्रो को उपलब्ध कराने की मंजूरी दी गयी है।

परियोजना के लिए केंद्र सरकार के कर राशि का 50 प्रतिशत, राज्य सरकार के करों और शुल्कों, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनःस्थापन और निर्माण अवधि के दौरान का ब्याज इस पर खर्च के लिए कुल 678 करोड़ 42 लाख रुपये राज्य सरकार से ब्याज मुक्त माध्यमिक ऋण के रूप में प्रदान करने की भी मंजूरी दी गई है। महामेट्रो को परियोजना के लिए, लिए गए मुख्य ऋण के भुगतान के बाद द्वितीयक ऋण चुकाने का निर्देश दिया गया है।
परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 496 करोड़ 73 लाख रुपये का समभाग और 148 करोड़ 57 लाख रुपये की ब्याज मुक्त द्वितीयक ऋण सहायता प्राप्त करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई है। केंद्र सरकार के माध्यम से निधि प्राप्त करने के लिए पत्राचार करने के लिए प्रबंध निदेशक, महाराष्ट्र मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।
परियोजना के लिए 1 हजार 935 करोड़ 89 लाख रुपये की सीमा में द्विपक्षीय / बहुपक्षीय वित्तीय संस्था / अन्य वित्तीय संस्थानों को कम ब्याज दर पर ऋृण लेने के लिए, उक्त ऋण की मूल राशि, ब्याज एवं अन्य शुल्क का कोई बोझ राज्य सरकार पर नहीं पड़ेगा, इन शर्तों पर प्रबंध निदेशक, महामेट्रो को अधिकृत किया गया है। परियोजना के लिए द्विपक्षीय/बहुपक्षीय वित्तीय संस्था के द्वारा लिए जानेवाले ऋण मूलधन का पुनर्भुगतान साथ ही ब्याज की अदायगी की ज़िम्मेदारी महामेट्रो की होगी।
इस मेट्रो परियोजना को लागू करने के लिए मेट्रो रेल अधिनियम 2009 (संशोधन) के अनुसार करने के लिए शासन ने इसके की मंजूरी दे दी है। इन दोनों मेट्रो मार्ग परियोजना विभिन्न उद्देश्यों महत्वपूर्ण सार्वजनिक परियोजना और महत्वाकांक्षी नागरिक यातायात परियोजना के रूप में घोषित करने के लिए मंजूरी प्रदान की गई है।
मेट्रो रेल परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए मेट्रो रेल स्टेशन सुविधाओं के लिए और साथ ही कार डिपो के लिए आवश्यक निजी जमीन मेट्रो रेल अधिनियम, 2009/महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम, 1966/ नए केंद्रीय भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास और पुनर्विकास अधिनियम, 2013 के तहत या विकास अधिकार / विकास के हस्तांतरण के माध्यम से किया जा सकता है।

इस मेट्रो परियोजना की लागत में किसी भी वृद्धि की स्थिति में, उक्त वृद्धि का पूर्ण भार/जिम्मेदारी लेने के संबंध में महामेट्रो और पुणे महानगरपालिका को निर्देश दिया गया है। मेट्रो रेल के निर्माण अवधि के दौरान संबंधित विभागों को उक्त मेट्रो लाइन के किनारे सरकारी और अर्ध-सरकारी संगठनों के रिक्त स्थानों को अस्थायी रूप से उपयोग करने का निर्देश दिया जाएगा और संबंधित विभाग उक्त रिक्त स्थानों को महामेट्रो को नाममात्र दर पर उपलब्ध कराएंगे।

इस परियोजना के तहत परियोजना पीड़ितों का पुनर्वास करने के लिए एमयूटीपी परियोजना के लिए परियोजना पीड़ितों के पुनर्वास हेतु आवास और विशेष सहायता विभाग के 12 दिसम्बर 2000 के शासन निर्णय द्वारा लागू पुनर्वास नीति को उक्त परियोजना के साथ लागू करने की मंजूरी दी गई है।

शहर का औद्योगिक विकास एवं विस्तार भी तेजी से हो रहा है। सरकार बढ़ती आबादी को पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहर में मेट्रो नेटवर्क बन जाए तो शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर हो जाएगी और प्रदूषण का स्तर भी कम हो जाएगा। नई अनुमोदित मेट्रो मार्ग के कारण उपनगरों के नागरिक तेजी से परिवहन के साथ शहर से जुड़े होंगे। यह विश्वास उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने व्यक्त किया।

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