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पंचमौली-देवलीपाड़ा पम्प्ड स्टोरेज जलविद्युत परियोजना के लिए 8,000 करोड़ रुपये का एमओयू
मुंबई, नवंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र में पम्प्ड स्टोरेज जलविद्युत परियोजनाओं के विकास में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि निवेशकों को जल उपयोग और पर्यावरण स्वीकृति सहित सभी आवश्यक अनुमतियाँ शीघ्रता से प्राप्त हों, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा ‘फास्ट ट्रैक’ व्यवस्था स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस की उपस्थिति में धुले/नंदुरबार जिलों में प्रस्तावित पंचमौली-देवलीपाड़ा पम्प्ड स्टोरेज जलविद्युत परियोजना के लिए हरियाणा स्थित जीएससी पीएसपी महा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और महाराष्ट्र सरकार के बीच 8,000 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू सह्याद्री अतिथिगृह में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव दीपक कपूर और कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुमित नंदा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में सचिव संजय बेलसरे, संचालक शुभ नंदा, मुख्य विपणन अधिकारी अनुप भटनागर, उपाध्यक्ष विमल सक्सेना तथा विधिक सलाहकार विकास कुमार पाठक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं में इस प्रकार की परियोजनाओं के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थिति उपलब्ध है, जिससे राज्य को बड़ा लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने ऊर्जा ग्रिड की स्थिरता बनाए रखने के लिए पम्प्ड स्टोरेज जलविद्युत परियोजना नीति को गति देने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र ने 1 लाख मेगावाट क्षमता की पम्प्ड स्टोरेज जलविद्युत परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड को भी स्थिर बनाए रखने की क्षमता विकसित होगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महाराष्ट्र अब सौर ऊर्जा क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रहा है। राज्य सरकार एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित कर रही है, जिसके माध्यम से कृषि क्षेत्र की संपूर्ण ऊर्जा आवश्यकता सौर ऊर्जा से पूरी की जाएगी। इस परियोजना से 16 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित होगी, जिससे परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता में भारी कमी आएगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सौर ऊर्जा और पम्प्ड स्टोरेज जलविद्युत परियोजनाओं के संयोजन से महाराष्ट्र देश में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र का अग्रणी राज्य बनेगा और राज्य की दिशा पर्यावरण-मित्र एवं सतत ऊर्जा उत्पादन की ओर अग्रसर होगी।
कार्यक्रम में अपने प्रास्ताविक भाषण में अपर मुख्य सचिव दीपक कपूर ने बताया कि अब तक 50 उदंचन जलविद्युत परियोजनाओं के लिए एमओयू किए जा चुके हैं और उन्हें शीघ्रता से लागू करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इन 51 परियोजनाओं से 70,315 मेगावाट बिजली उत्पादन, 3.83 लाख करोड़ रुपये का निवेश, और 1,13,990 रोजगार अवसरों का सृजन होने की संभावना है।
परियोजना विवरण: पंचमौली-देवलीपाड़ा पम्प्ड स्टोरेज जलविद्युत परियोजना
कुल निवेश: 8,000 करोड़
स्थापित विद्युत क्षमता: 1,500 मेगावाट
रोजगार सृजन: लगभग 2,500 अवसर
जल आवश्यकता: प्रारंभिक भरण हेतु 19.29 टीएमसी और वार्षिक पुनर्भरण हेतु 3.24 टीएमसी
अपेक्षित राजस्व: प्रारंभिक औद्योगिक जल उपयोग के लिए 1,762.21 करोड़ तथा वार्षिक पुनर्भरण शुल्क के रूप में 1,128.32 करोड़

