प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत दो बड़ी नौकाओं का सहकारी संस्थाओं को वितरण
मत्स्य व्यवसाय क्षेत्र में सहकारिता के माध्यम से समृद्धि लाने का संकल्प : केंद्रीय मंत्री अमित शाह
मुंबई, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिस प्रकार सहकारिता आंदोलन ने देश और महाराष्ट्र में दुग्ध व्यवसाय तथा चीनी उद्योग के माध्यम से समृद्धि लाई, उसी प्रकार आने वाले पाँच वर्षों में मत्स्य व्यवसाय क्षेत्र में भी सहकारिता आधारित पारिस्थितिकी तंत्र (इको-सिस्टम) तैयार किया जाएगा ताकि मछुआरों को आर्थिक समृद्धि मिल सके।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों आज प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं का वितरण एवं उद्घाटन मुंबई के माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया गया। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सहकारी विकास महामंडल (NCDC) और राज्य सरकार के मत्स्य व्यवसाय विभाग के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया था।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मत्स्य व्यवसाय मंत्री नितेश राणे, केंद्रीय सहकार राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोळ, राज्य के सहकार मंत्री बाबासाहेब पाटील, गृह एवं सहकार राज्यमंत्री पंकज भोयर, मुख्य सचिव राजेश कुमार, तथा मत्स्य विभाग के सचिव रामास्वामी एन. उपस्थित थे।
अमित शाह ने कहा कि आज भले ही केवल दो नौकाएं दी जा रही हैं, लेकिन यह योजना भविष्य में मछुआरों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत महाराष्ट्र की सहकारी संस्थाओं को फिलहाल 14 नौकाएं दी जा रही हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 5 वर्षों में कम से कम 200 नौकाएं समुद्र में उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
ये नौकाएं 25 दिनों तक गहरे समुद्र में रहकर 20 टन तक मछली पकड़ने में सक्षम होंगी। इसके अलावा मछलियों को तट तक पहुँचाने के लिए एक बडी मदर शिप भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना से होने वाला लाभ सीधे मछुआरों तक पहुंचेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
अमित शाह ने कहा कि भारत की 1,199 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा में अपार संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि इसका लाभ अधिक से अधिक मछुआरों तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि जैसे दुग्ध और चीनी उद्योग में सहकारिता ने किसानों को लाभ पहुँचाया, वैसे ही अब मत्स्य क्षेत्र में भी सहकारी मॉडल के माध्यम से मछुआरों को सीधा फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सहकार ही वह माध्यम है जिससे मेहनतकश और गरीब तबकों तक लाभ पहुंचाया जा सकता है। सहकारिता के माध्यम से ही मानवीय दृष्टिकोण वाला जीडीपी तैयार किया जा सकता है। जब हर परिवार समृद्ध होगा तभी देश समृद्ध होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार मत्स्य एवं सहकार मंत्रालयों के सहयोग से प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, निर्यात और संकलन हेतु बड़े जहाजों की व्यवस्था कर रही है। इससे ग्रामीण विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और मछुआरों को निर्यात लाभ सीधे प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) को प्रोत्साहन दिया है और इसके विकास के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। इसी के परिणामस्वरूप महाराष्ट्र ने नए फिशिंग हार्बर, फिशिंग इकोसिस्टम और समुद्री आधारभूत ढांचे के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है।
उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में महाराष्ट्र ने मत्स्य उत्पादन में देश में सर्वाधिक 45 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। आने वाले पाँच वर्षों में राज्य को देश में पहले स्थान पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को सहकार विभाग से जोड़ने का निर्णय अमित शाह ने लिया है। एनसीडीसी (NCDC) के माध्यम से मछुआर सहकारी संस्थाओं को कर्ज और अनुदान उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाएं दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि तटवर्ती इलाकों में अत्यधिक मछली पकड़ने से “मत्स्य सूखा (Fish Drought)” जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, लेकिन गहरे समुद्र में मत्स्य संपदा प्रचुर मात्रा में है, जिससे मछुआरों को बेहतर लाभ मिलेगा।
भारत के पास उपलब्ध एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन (EEZ) से विशाल समुद्री अर्थव्यवस्था तैयार की जा सकती है। छोटे मछुआरे जिनके पास डीप सी फिशिंग वेसल्स नहीं हैं, अब सहकारिता के माध्यम से उन्हें ऐसी नौकाएं प्राप्त हो जाएगी। यह योजना न केवल मछुआरों बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि भविष्य में इस योजना के लिए अधिक धन की आवश्यकता होगी, जो एनसीडीसी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इन नौकाओं से ट्यूना, स्किपजैक, अल्बाकोर जैसी अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग वाली मछलियां पकडी जा सकेगी।
मत्स्य उत्पादन में राज्य को अग्रणी बनाएंगे : मंत्री नितेश राणे
मत्स्य व्यवसाय मंत्री नितेश राणे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मत्स्य व्यवसाय को कृषि का दर्जा दिया है। साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग, मछुआरों को आर्थिक सहायता देने वाली योजनाओं और मत्स्य बंदरगाहों के विकास से राज्य में मत्स्य उत्पादन में 45 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
पिछले 11 महीनों में राज्य सरकार ने 26 नई योजनाएं लागू की हैं, जिनसे मीठे पानी और समुद्री दोनों प्रकार के मछुआरों के जीवन में आर्थिक समृद्धि आएगी। राणे ने कहा कि केंद्र सरकार और सहकार विभाग के सहयोग से आने वाले समय में मत्स्य व्यवसाय क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जाएगा।
इस अवसर पर मत्स्य आयुक्त किशोर तावड़े, केंद्रीय मत्स्य सचिव अभिलाष लेखी, केंद्रीय सहकार सचिव आशीष कुमार भूतानी, और राज्य सहकार प्रधान सचिव प्रविण दराडे उपस्थित थे।
श्री भूतानी ने स्वागत भाषण दिया और सचिव रामास्वामी ने आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में गहरे समुद्र में मत्स्य पालन के लिए उपयुक्त दो नौकाओं और उनके प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया।
जय मल्हार मत्स्य व्यवसाय विविध कार्यकारी संस्था के अध्यक्ष राजू चव्हाण और संचालक देवराज चव्हाण को चाबी और प्रमाणपत्र सौंपे गए। इसके बाद मान्यवरों ने नौका का निरीक्षण किया।
