खिलाड़ियों को अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेंगे : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

-
विश्व शतरंज प्रतियोगिता विजेता ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख का नागरिक सत्कार
-
दिव्या की शानदार सफलता देश के बच्चों के लिए प्रेरणादायक होगी
-
राज्य सरकार की ओर से तीन करोड़ रुपये का पुरस्कार
नागपुर, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र सरकार ने खेल क्षेत्र को हमेशा प्राथमिकता दी है। खिलाड़ी बड़े लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं और इसके लिए तकनीकी प्रशिक्षण, पौष्टिक आहार, विदेशी कोचों का मार्गदर्शन जैसी चीजें आवश्यक हैं। यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सफलता पाना है तो ये चीजें जरूरी हैं। खिलाड़ियों को अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और दिव्या देशमुख ने विश्व प्रतियोगिता में जो शानदार सफलता प्राप्त की है वह देश के हजारों बच्चों के लिए प्रेरणादायक होगी, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।
स्कूल शिक्षा और खेल विभाग तथा महाराष्ट्र शतरंज संघ के संयुक्त तत्वावधान में विश्व शतरंज प्रतियोगिता विजेता ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख का नागरिक सत्कार कविवर्य सुरेश भट सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री फडणवीस बोल रहे थे। मुख्यमंत्री के हाथों दिव्या का सम्मान कर तीन करोड़ रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। महाराष्ट्र शतरंज संघ की ओर से भी 11 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। साथ ही सांसद खेल महोत्सव समिति की ओर से भी सम्मान किया गया।
खेल और युवा कल्याण मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे, वित्त और योजना राज्य मंत्री एडवोकेट आशीष जयस्वाल, विधायक संदीप जोशी, अभिजीत वंजारी, प्रवीण दटके, कृष्णा खोपड़े, महाराष्ट्र शतरंज संघ के अध्यक्ष तथा विधायक डॉ. परिणय फुके, खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव अनिल डिग्गीकर, खेल और युवा सेवा आयुक्त शीतल तेली-उगले, पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंगल, जिल्हाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर, महानगरपालिका आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनी, दिव्या के पिता डॉ. जितेंद्र देशमुख, माता डॉ. नम्रता देशमुख, महाराष्ट्र शतरंज संघ से संबद्ध जिला संघों के पदाधिकारी, शतरंज खिलाड़ी, विद्यार्थी और नागपुरवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दिव्या ने कम उम्र में ध्यान भटकने नहीं दिया और लक्ष्य पर केंद्रित रहीं। शतरंज में उत्स्फूर्तता, एकाग्रता और सजगता आवश्यक होती है। शतरंज यह खेल सौ से अधिक देशों में खेला जाता है, इसलिए दिव्या ने जो सफलता प्राप्त की है वह बड़ी है। शतरंज में चीन का वर्चस्व रहता था। चीन का यह वर्चस्व विश्व शतरंज प्रतियोगिता में कोनेरु हम्पी और दिव्या देशमुख ने चुनौती देकर तोड़ा। इसमें दिव्या ने फाइनल में मात्र 19 वर्ष की उम्र में विजय प्राप्त की। उन्होंने कम उम्र में बड़ी ऊंचाई हासिल की है और देश के हजारों बच्चों को प्रेरणा मिले, इसके लिए यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। दिव्या की यह सफलता हजारों बच्चों के लिए प्रेरणादायी होगी, ऐसा विश्वास भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।
खेल और युवा कल्याण मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे ने कहा कि जब सफल खिलाड़ी तैयार होते हैं तो उनके पीछे खड़ा परिवार, कोच और व्यवस्था भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। इसलिए उनका भी इस सफलता में अहम योगदान है। यदि लड़कियों को अवसर, उचित प्रशिक्षण और प्रेरणा दी जाए तो वे दुनिया जीत सकती हैं। दिव्या ने यह परिवर्तन सिद्ध करके दिखाया है। यह सफलता सभी के लिए आदर्श है, ऐसा खेल मंत्री श्री कोकाटे ने इस अवसर पर कहा। राज्य सरकार के माध्यम से खिलाड़ियों को अवसर तथा निधि उपलब्ध कराने का प्रयास है। स्कूल और कॉलेजों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, ऐसा उन्होंने कहा।
विश्व शतरंज प्रतियोगिता विजेता ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विश्व शतरंज प्रतियोगिता विजेता बनने के लिए राज्य सरकार का अमूल्य सहयोग मिला। नागपुर यह शहर मेरे लिए विशेष है। इस सत्कार कार्यक्रम के लिए नागपुरवासियों का धन्यवाद करती हूं। इस सफलता के बाद आगामी विश्व प्रतियोगिताओं के लिए और अधिक जोश के साथ तैयारी करूंगी, ऐसा उन्होंने कहा।
महाराष्ट्र शतरंज संघ के अध्यक्ष विधायक डॉ. परिणय फुके ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि भारत में आयोजित होने वाली शतरंज विश्व कप प्रतियोगिता का आयोजन महाराष्ट्र में होना चाहिए।
खेल और युवा सेवा आयुक्त शीतल तेली-उगले ने कार्यक्रम का प्रस्तावना की। धन्यवाद ज्ञापन ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे ने किया।