28/06/2025

पेंटागन प्रेस और दक्षिणी कमान के सहयोग से आयोजित किया गया ‘कलम और कवच रक्षा साहित्य महोत्सव’

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पुणे, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पेंटागन प्रेस ने दक्षिणी कमान के सहयोग से आरएसएमआई संस्थान में आयोजित कलम और कवच-रक्षा साहित्य महोत्सव की सफलतापूर्वक मेजबानी की। सम्मानित मुख्य अतिथि जनरल अनिल चौहान, सीडीएस, ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

IMG-20240203-WA0169-300x215 पेंटागन प्रेस और दक्षिणी कमान के सहयोग से आयोजित किया गया ‘कलम और कवच रक्षा साहित्य महोत्सव’
भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के उभरते परिदृश्य पर काम करते हुए अपने प्राचीन ग्रंथों- ‘महाभारत और भगवदगीता’ से प्रेरणालेने की प्रक्रिया को बढ़ाया है। जनरल अनिल चौहान ने अपने अभिवादन मंगधर्म की शाश्वत प्रासंगिकता को बढ़ावा देते हुए इसके कर्तव्य, धर्म और नैतिक संतुलन के सिद्धांतों पर जोर दिया। लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, सेना कमांडर, दक्षिणी कमान ने इन प्राचीन रणनीतियों को आधुनिक खतरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए अनुकूलित करने की जरूरत को अपनाने पर जोर दिया।

IMG-20240203-WA0188-300x223 पेंटागन प्रेस और दक्षिणी कमान के सहयोग से आयोजित किया गया ‘कलम और कवच रक्षा साहित्य महोत्सव’
महोत्सव के दौरान चार महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन भी किया गया, जिनमें वैश्विक भू-राजनीति से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका शामिल है। इसमें अजय सिंह की रूस, गाजा, ताइवान… एवर्ल्डएट वॉर और कर्नल अमित सिन्हा और विजय खरे की एआई एंड नेशनल सिक्योरिटी पुस्तकें शामिल हैं।

IMG-20240203-WA0189-300x200 पेंटागन प्रेस और दक्षिणी कमान के सहयोग से आयोजित किया गया ‘कलम और कवच रक्षा साहित्य महोत्सव’
कारगिल युद्ध की 25 वीं वर्षगांठ पर, पेंटागन प्रेस के सीईओ श्री राजन आर्य ने राष्ट्रीय सुरक्षा की जटिलताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए इस महत्वपूर्ण समय को महसूस किया। एक महत्वपूर्ण सत्र, ‘आत्मनिर्भर भारत-भारतीय रक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाना,’ में श्री बाबा कल्याणी जैसे प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए, जिन्होंने सच्ची स्वनिर्भरता को हकीकत बनाने के लिए आवश्यक सहयोगात्मक प्रयास पर जोर दिया।

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पुणे में आयोजित यह अग्रणी महोत्सव सभी विशेषज्ञों को साथ लाने में सफल रहा, जिन्होंने विश्वभर में घटित संघर्षों से लेकर सुरक्षा में विरासत की भूमिका तक कई विषयों पर चर्चा की। यह भविष्य के आयोजनों के लिए एक सूची पत्र के रूप में खड़ा है, जिसका उद्देश्य इतिहास, सांस्कृतिक, रक्षा और सुरक्षा को एक सामंजस्यपूर्ण कथा में विलीन करना है।
यह जानकारी पुणे रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी श्री महेश अय्यंगार द्वारा दी गई है।

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