पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने चौथे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान की तैयारी आरंभ की
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) देश के सभी 1600 जिलों और प्रमंडल मुख्यालयों में 1 से 30 नवंबर 2025 तक चौथा राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान चलाएगा।
इस सिलसिले में पेंशन सचिव श्री वी. श्रीनिवास की अध्यक्षता में 9 सितंबर 2025 को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई, जिसमें 19 पेंशन वितरण बैंकों और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में तीसरे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान की प्रदर्शन समीक्षा की गई। पिछले अभियान के दौरान एक करोड़ 62 लाख डीएलसी प्राप्त किए गये, जिनमें 50 लाख से अधिक डीएलसी फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक (बायोमेट्रिक तरीके से चेहरे की पहचान) के माध्यम से बनाए गए। इसके अलावा, बैंकों, आईपीपीबी, केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों और पेंशनभोगी कल्याण संघों (पीडब्ल्यूए) की सक्रिय भागीदारी से 800 से अधिक जिलों और शहरों में 1,900 शिविर आयोजित किए गए।
बैठक में भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक श्री अमृतेश मोहन, पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य महाप्रबंधक श्री राजेश प्रसाद और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के मुख्य महाप्रबंधक श्री गुरुशरण राय बंसल तथा पेंशन वितरण करने वाले अन्य बैंकों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने अपने नेटवर्क और डोरस्टेप सेवा चैनलों (ग्राहकों को घर पर ही आवश्यक सेवाओं का लाभ देने) की पूरी तैयारी का आश्वासन दिया।
बैठक में नवंबर 2025 के लिए दैनिक स्तर पर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार किये जाने के लक्ष्य, 1600 जिलों और प्रमंडल मुख्यालयों पर शिविरों का समय निर्धारण और अत्यंत वरिष्ठ और अलग-अलग श्रेणी के दिव्यांग पेंशनरों के लिए डोरस्टेप सेवाओं के प्रावधान को अंतिम रूप दिया गया। हितपक्षधारकों ने कार्य की वास्तविक समय में निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए डीएलसी एनआईसी पोर्टल के इस्तेमाल पर सहमति व्यक्त की। बैंक और आईपीपीबी अक्टूबर 2025 में एसएमएस, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया, बैनर और स्थानीय मीडिया प्रचार द्वारा पेंशनरों को निवेदन विकल्पों के बारे में सूचित करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान आरंभ करेंगे।
चौथा डीएलसी अभियान पेंशनभोगियों के लिए अब तक की सबसे बड़ी आउटरीच पहल होगी। इसका लक्ष्य 2 करोड़ डीएलसी तैयार करना है। इसमें चेहरे से प्रमाणीकरण तकनीक पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे पेंशनभोगियों को सार्वभौमिक कवरेज और जीवन सुगमता सुनिश्चित होगी।