पद्मश्री चितमपल्ली के कार्य नयी पीढ़ी के लिए प्रेरक : पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन

पद्मश्री चितमपल्ली के कार्य नयी पीढ़ी के लिए प्रेरक : पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन
पद्मश्री मारुती चितमपल्ली की स्मृति में अस्थिपूजन, पदयात्रा, पौधारोपण का हुआ आयोजन
वर्धा, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
अरण्य ऋषि मारुती चितमपल्ली ने जीवन पर्यंत पर्यावरण और वनों को संरक्षित तथा संवर्धित करने का कार्य किया। जंगल में रहकर अनेक महत्वपूर्ण किताबें लिखीं। जनसामान्य को पेड़, पौधे और वन्य जीवों का महत्व बताया। उनका यह कार्य नयी पिढ़ी के लिए प्रेरक है। यह विचार वर्धा जिला पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन ने व्यक्त किए। वर्धा में पद्मश्री मारुती चितमपल्ली का अस्थी पूजन एवं पदयात्रा कार्यक्रम वन परिक्षेत्र कार्यालय में बुधवार, 25 जून को आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वे संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में विदर्भ साहित्य संघ के अध्यक्ष प्रदीप दाते, उप-वनसंरक्षक हरवीर सिंह, सामाजिक वनीकरण विभाग के उप-वनसंरक्षक सुहास बढेकर, दत्ता मेघे आयुर्विज्ञान संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय इंगले तिगांवकर, वन्यजीव प्रतिपालक कौशल मिश्र, निसर्ग सेवा समिति के अध्यक्ष मुरलीधर बेलखोडे, महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे, पिपल्स फॉर एनिमल्स के आशीष गोस्वामी, वैद्यकीय जनजागृती मंच के अध्यक्ष डॉ. सचिन पावडे मंचासीन थे।
पद्मश्री मारुती चितमपल्ली 2017 से 2020 तक वर्धा में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में रहे, जिसमें से कुछ समय तक उन्होंने आवासीय लेखक के रूप में कार्य किया। उनका 18 जून 2025 को सोलापुर में आयु के 93 वें वर्ष में देहावसान हुआ। उनकी अस्थि वर्धा के वन्यजीव प्रतिपालक कौशल मिश्र के माध्यम से वर्धा में लायी गयी। वर्धा में नागरिकों ने उनकी अस्थियों का दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पद्मश्री मारुती चितमपल्ली की स्मृति में वनपरिक्षेत्र कार्यालय से पोस्ट ऑफिस चौक, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक, गांधी पुतला से होते हुए वनपरिक्षेत्र कार्यालय तक पदयात्रा निकाली गयी। इसके बाद अस्थि पूजन कर शोकसभा आयोजित की गयी।
इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने पद्मश्री मारुती चितमपल्ली के कार्य एवं वर्धा में उनके पर्यावरण प्रेमी नागरिकों के साथ सान्निध्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का प्रास्ताविक उप-वनसंरक्षक हरवीर सिंह ने किया। इस दौरान चितमपल्ली की स्मृति में पौधारोपण किया गया।
कार्यक्रम में बोर व्याघ्र प्रकल्प की उपसंचालक सोनल कामडी, वनपरिक्षेत्र अधिकारी वैशाली भलावी, वनपरिक्षेत्र अधिकारी रूपेश खेडकर, अर्चना नौकरकर, पूनम ब्राह्मणे, वन रक्षक माधव माने व अरून गीते, एड्. नीलकंठ हुड, एड्. ताम्रध्वज बोरकर, मनोहर लांडगे, नंदकुमार वानखडे, राजदीप राठौर, राहुल तेलरांधे, उज्ज्वला घोडे सहित वनविभाग के कर्मचारी तथा पर्यावरण प्रेमी नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। विनोद वाघ ने पर्यावरण गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन नेहा तिवसकर ने किया।