जर्मनी में 10 हजार कुशल बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का अवसर

जर्मनी में 10 हजार कुशल बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का अवसर

यूरोपीय संघ के अधिकांश देश औद्योगिक रूप से समृद्ध हैं और ये देश पिछले कुछ वर्षों से कुशल जनशक्ति की कमी का सामना कर रहे हैं। इस मामले को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पहले चरण में राज्य से जर्मनी के बाडेन-वुटेनबर्ग राज्य को 10 हजार कुशल जनशक्ति प्रदान करने का महत्वाकांक्षी निर्णय लिया है। इससे कुशल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर निर्माण होंगे। स्कूल शिक्षा एवं खेल विभाग के माध्यम से इस पथदर्शी परियोजना को क्रियान्वित किया जाएगा।
इससे पहले उच्च माध्यमिक शिक्षा का व्यावसायीकरण एक केंद्र प्रायोजित योजना थी। इस योजना के अनुसार शिक्षा के माध्यम से रोजगार, स्वरोजगार, उद्योग और व्यवसाय के अवसर निर्माण करना था। इसी योजना का विस्तार कर यह पथदर्शी परियोजना क्रियान्वित की जा रही है।

इस पथदर्शी परियोजना के लिए जिलास्तरीय निगरानी समिति, राज्यस्तरीय निगरानी समिति और तकनीकी समिति का गठन किया गया है। जिलास्तरीय समन्वय समिति के मुख्य समन्वयक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्था के प्राचार्य होंगे। जिला शल्य चिकित्सक, सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कौशल विकास विभाग के सहायक आयुक्त, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था और तकनीकी संस्था के प्राचार्य, सहायक श्रम आयुक्त और शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सदस्य होंगे।

बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य को पहले चरण में स्वास्थ्य सेवाओं में पेशेवर जनशक्ति की आवश्यकता होगी, जिसमें परिचारिका (अस्पताल), चिकित्सा सहायक (एमएफए), प्रयोगशाला सहायक, रेडियोलॉजी सहायक, दंत चिकित्सा सहायक, बीमार और बुजुर्गों के लिए शुश्रूषा सेवक, फिजियोथेरेपिस्ट, दस्तावेज़ीकरण और संकेतन कोडिंग (डॉक्युमेंटेशन एंड कोडींग) / इसमें तीसरे पक्ष के प्रशासन (थर्ड पार्टी डमिनिस्ट्रेशन) लेखांकन और प्रशासन के कर्मचारी शामिल होंगे।
आतिथ्य सेवाओं में वेटर्स, सर्वर्स, स्वागत कक्ष संचालक (रिसेप्शनिस्ट), रसोइया (कुक), होटल व्यवस्थापक, लेखापाल, हाउसकीपर, स्वच्छक, कारीगर तकनीशियनों के बीच विद्युततंत्री (इलेक्ट्रीशियन), नवीकरणीय ऊर्जा में विशेष विद्युततंत्री (रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर आदि), औष्णिक वीजतंत्री (हिटिंग तकनीशियन), पेंटर, बढ़ई, राजमिस्त्री, प्लंबर, हल्के और भारी वाहन मरम्मत तकनीशियन शामिल होंगे। इसके अलावा, बस, ट्राम, ट्रेन, ट्रक ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड, डाक कर्मचारी, पैकर्स एंड मूवर्स, हवाई अड्डे के सहायक, स्वच्छताकर्मी, सामान संभालनेवाले, हाउसकीपर, बिक्री सहायक और गोदाम सहायक आदि जनशक्ति प्रदान की जाएगी। इन पदों से संबंधित अतिरिक्त कौशल संवर्धन प्रशिक्षण के लिए संबंधित विभाग के आयुक्त, निदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी समितियों का गठन किया गया है।

जर्मन भाषा का न्यूनतम पर्याप्त प्रशिक्षण :
युवाओं को जर्मन भाषा का प्रशिक्षण एक प्रसिद्ध संस्थान गोएथे द्वारा दिया जाएगा और इस संस्थान के माध्यम से पथदर्शी आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 10,000 उम्मीदवारों को जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। तदनुसार गोएथे संस्था, मैक्समुलर भवन और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, पुणे के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रथम चरण में प्रत्येक जिलास्तर पर जर्मन भाषा शिक्षण की 5 कक्षाएं शुरू की जाएंगी। उपर्युक्त उल्लिखित किए गए पाठ्यक्रम पूरा करनेवाले और जर्मनी में रोजगार के लिए जाना चाहते हैं उन छात्र https://www.maa.ac.in/GermanyEmployment/ इस वेब साइट पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं।

क्षेत्रवार कौशल संवर्धन हेतु अतिरिक्त प्रशिक्षण
बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य को उपलब्ध कराए जानेवाले जनशक्ति को उस राज्य में प्रासंगिक कौशल-संबंधी योग्यताओं के अनुसार आवश्यक अतिरिक्त तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए पर्याप्त तंत्र स्थापित किए जाएंगे। सरकार की शर्तों के अनुसार उपयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तैयारी दिखानेवाले सरकारी, अनुदानित एवं गैर अनुदानित संस्थाओं को प्रति माह प्रति छात्र ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 7 हजार रुपये (सभी महानगरपालिका क्षेत्राधिकार) 10 हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा।

प्रशिक्षु के पासपोर्ट, वीजा और अन्य आवश्यक दस्तावेजों को पूरा करने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया की जाएगी। जर्मनी पहुंचने के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से संबंधित संस्थानों के साथ समन्वय और सहयोग में आवश्यक उपाय किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उम्मीदवारों का उचित निपटान हो सके।

परियोजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवारों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद से संपर्क करना चाहिए। साथ ही https://maa.ac.in इस वेबसाइट पर जानकारी भरकर भी इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।

राहुल रेखावार, निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, पुणे
इस परियोजना के तहत राज्य के कुशल एवं अकुशल बेरोजगार युवाओं को जर्मनी में नौकरी पाने के लिए राज्य में चयन प्रक्रिया एवं नौकरी आवंटन, वीजा एवं पासपोर्ट के लिए संपूर्ण मार्गदर्शन मिलेगा। यह राज्य के युवाओं के लिए अपनी आर्थिक, सामाजिक स्थिति और जीवन स्तर को ऊपर उठाने का एक बेहतरीन अवसर है।

संकलन- जिला सूचना कार्यालय, पुणे

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