नया सागरी इतिहास रचने को भारत तैयार : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
‘इंडिया मेरीटाइम वीक 2025’ का अमित शाह के हाथों भव्य उद्घाटन

मुंबई, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

मुंबई भारत के सागरी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और ‘इंडिया मेरीटाइम वीक 2025’ के अवसर पर मुंबई में आयोजित इस भव्य आयोजन में केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत अब एक नया सागरी इतिहास रचने के लिए पूरी तरह तैयार है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि मुंबई देश की सागरी शक्ति का केंद्रबिंदु है।

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मुंबई के गोरेगांव स्थित नेस्को परिसर में आयोजित ‘इंडिया मेरीटाइम वीक 2025’ का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री अमित शाह ने दीप प्रज्वलित कर किया।
उद्घाटन के पूर्व उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर केंद्रीय बंदरगाह, जहाज निर्माण और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन शरण मांझी, केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार, और केंद्रीय सचिव विजय कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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भारत सागरी नेतृत्व की ओर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘इंडिया मेरीटाइम वीक 2025’ के अवसर पर दुनिया भर के सागरी विशेषज्ञ, उद्योगपति और प्रतिनिधि भारत में एकत्र हुए हैं।
उन्होंने कहा कि गेटवे ऑफ इंडिया अब ‘गेटवे ऑफ द वर्ल्ड’ बनने की दिशा में अग्रसर है।”

भारत का 11,000 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र अब वैश्विक विकास केंद्र के रूप में उभर रहा है। सागरी क्षेत्र देश के जीडीपी में 60% से अधिक योगदान देता है।
उन्होंने बताया कि भारत पांच हजार वर्ष पूर्व से ही सागरी व्यापार में अग्रणी रहा है, और आज इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सागरी शक्ति पुनः स्थापित कर रहा है।

अमित शाह ने कहा कि सागर”, “सागरमाला”, “गतिशक्ति” और “समुद्रयान” जैसे प्रकल्पों से सागरी बुनियादी ढांचे को नई शक्ति मिली है। भारत अब जहाज निर्माण में विश्व में पांचवें स्थान पर है और नये बंदरगाहों का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है।

उन्होंने बताया कि देश का 90% व्यापार सागरी मार्ग से होता है, और 2047 तक भारत का लक्ष्य वैश्विक सागरी नेतृत्व प्राप्त करना है।

वाढवण पोर्ट जल्द ही विश्व के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होगा।
ग्रेट निकोबार और कोचीन बंदरगाहों में नई निवेश प्रक्रियाएं शुरू हैं।
मछुआरों की सुरक्षा के लिए भी केंद्र सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं।

अमित शाह ने वैश्विक निवेशकों से अपील की कि वे भारत के सागरी क्षेत्र में निवेश कर भारत और स्वयं की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें।

महाराष्ट्र देश की सागरी शक्ति का केंद्रबिंदु” – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारत और महाराष्ट्र दोनों के पास विविध क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नए मेरीटाइम पावर” के रूप में उभर रहा है।

फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र देश की सागरी शक्ति का केंद्र है —
मुंबई पोर्ट और जेएनपीए देश के कंटेनर परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इसी सागरी सामर्थ्य ने मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी बनाया है।

उन्होंने बताया कि वाढवण पोर्ट का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है, और इसके पूर्ण होने के बाद यह बंदरगाह विश्व के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होगा।
इससे महाराष्ट्र और भारत दोनों सागरी शक्ति के रूप में उभरेंगे तथा वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका और मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में “महाराष्ट्र शिपबिल्डिंग पॉलिसी 2025” जारी की है, जिसके तहत जहाज निर्माण के लिए मजबूत इकोसिस्टम और निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के मेरीटाइम विजन” और अमृतकाल मेरीटाइम विजन” के अंतर्गत वाढवण पोर्ट एक मील का पत्थर साबित होगा।

         फडणवीस ने आगे कहा कि राज्य सरकार लॉजिस्टिक्स और ब्लॉकचेन क्षेत्रों में भी महाराष्ट्र की सामरिक और सागरी शक्ति को और बढ़ाने पर कार्यरत है।

सागरी शांति से विकास” – केंद्रीय बंदरगाह मंत्री सर्वानंद सोनोवाल

केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि शांतिप्रिय देशों में निवेश बढ़ता है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश में स्थिरता आई है, जिससे निवेश का अनुकूल माहौल बना है। उन्होंने कहा कि सागरी क्षेत्र विकसित भारत के निर्माण का एक प्रमुख घटक बन रहा है।

निवेश का नया क्षितिज

इस अंतरराष्ट्रीय परिषद में 100 से अधिक देशों के 350 से भी अधिक सागरी विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। सागरी क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
भारत और अन्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाकर वैश्विक सागरी उद्योग को नई गति और शक्ति प्रदान करने का उद्देश्य इस परिषद का है।

 

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