भारत और जापान उभरते भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और भू-तकनीकी रुझानों के प्रति द्विपक्षीय संबंधों को बे‍हतर बनाने पर सहमत

भारत और जापान उभरते भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और भू-तकनीकी रुझानों के प्रति द्विपक्षीय संबंधों को बे‍हतर बनाने पर सहमत

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज कहा कि भारत विकास और परिवर्तन की अपनी यात्रा में जापान को एक स्‍वाभाविक साझेदार के रूप में देखता है। तोक्‍यो में 16वें भारत-जापान विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता में डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत-जापान के द्विपक्षीय संबंधों में वर्ष 2023 एक महत्‍वपूर्ण वर्ष रहा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार से सरकार, कारोबार से कारोबार और लोगों से लोगों के उपयोगी संपर्क विभिन्‍न क्षेत्रों में बढ़े हैं। श्री जयशंकर ने पिछले वर्ष भारत की मेजबानी में सफल जी-20 शिखर सम्‍मेलन में जापान के सहयोग की सराहना की।

जापान की विदेश मंत्री कामीकावा योको के साथ एक संयुक्‍त प्रेस वक्‍तव्‍य में डॉ. जयशंकर ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हर पहलू पर दूरदर्शी और व्‍यापक चर्चा हुई।

श्री जयशंकर ने बताया कि भारत और जापान ने रक्षा और सुरक्षा संबंधों में अच्‍छी प्रगति की है। डॉ. जयशंकर ने भारत के पूर्वोत्‍तर में जापान की विकासपरक भूमिका का स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा कि यह क्षेत्र की कनेक्टिविटी और औद्योगिक परिदृश्‍य को परिवर्तित करने में निर्णायक होगी। इससे पडोस के अन्‍य देश भी नेटवर्क के जरिए लाभान्वित होंगे। भारत और जापान व्यापार और प्रौद्योगिकी पर रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाकर एक-दूसरे की आर्थिक स्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी सहमत हुए। भारत और जापान ने सेमीकंडक्‍टर पारिस्थितिकी तंत्र, हरित प्रौद्योगिकी और डिजिटल भुगतान की संभावनाओं पर भी चर्चा की।

 

श्री जयशंकर ने कहा कि उन्होंने जापान की विदेश मंत्री से भारतीय पर्यटकों और अन्य नागरिकों के लिए जापान की यात्रा के लिए अधिक सुविधाजनक वीजा व्यवस्था की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि इस बैठक में पिछले वर्ष दिल्‍ली में हुई वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने विभिन्‍न पहलुओं पर जारी प्रयासों का जायजा लेने का निर्णय लिया। श्री जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्ष उभरते भौगोलिक राजनीतिक, भौगोलिक आर्थिक और भौगोलिक प्रौद्योगिकी रुझानों के प्रति द्विपक्षीय संबंधों में तत्‍परता लाने की आवश्‍यकता पर सहमत हुए हैं। डॉ. जयशंकर ने कहा कि इस वार्ता ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक वैश्विक साझेदारी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए दोनों पक्षों को कार्यनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।

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