12/07/2025

कैबिनेट ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 12 औद्योगिक नोड/शहरों को मंजूरी दी

CCEA
Contents hide
1 कैबिनेट ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 12 औद्योगिक नोड/शहरों को मंजूरी दी

कैबिनेट ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 12 औद्योगिक नोड/शहरों को मंजूरी दी

भारत जल्द ही स्वर्णिम चतुर्भुज के आधार पर औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य श्रृंखला स्‍थापित करेगा

सरकार ने भारत के औद्योगिक परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए 28,602 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं को हरी झंडी दी

‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं के साथ मांग से पहले विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों का निर्माण किया जाएगा

निवेश और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत, टिकाऊ बुनियादी ढांचा

विकसित भारत के विजन के अनुरूप, ये परियोजनाएं निवेशकों के लिए उपलब्‍ध भूमि के साथ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका को मजबूत करेंगी

भारत जल्द ही औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य श्रृंखला स्‍थापित करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय में, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। यह कदम देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है, जिससे औद्योगिक नोड्स और शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा जो आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।

10 राज्यों में फैले और रणनीतिक रूप से नियोजित 6 प्रमुख गलियारों के साथ ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाएंगी। ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्‍तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी और राजस्थान में जोधपुर-पाली में स्थित हैं।

मुख्य विशेषताएं :

रणनीतिक निवेश : एनआईसीडीपी को बड़े एंकर उद्योगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) दोनों से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। ये औद्योगिक नोड 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर निर्यात प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के विजन को दर्शाता है।

स्मार्ट शहर और आधुनिक बुनियादी ढांचा : नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिन्हें ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं पर “मांग से पहले” बनाया जाएगा। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस हों जो टिकाऊ और कुशल औद्योगिक कार्यों का समर्थन करते हैं।

पीएम गतिशक्ति पर क्षेत्रीय दृष्टिकोण : पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचा होगा, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगा। औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्र के परिवर्तन के लिए विकास केन्‍द्र बनाने की परिकल्पना की गई है।

एक विकसित भारत‘ का विजन :

इन परियोजनाओं की मंजूरी ‘विकसित भारत’ – एक विकसित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक कदम है। वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में भारत को एक मजबूत प्रतिस्‍पर्धी के रूप में स्थापित करके, एनआईसीडीपी आवंटन के लिए तत्काल उपलब्‍ध उन्‍नत विकसित भूमि प्रदान करेगा, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करना आसान हो जाएगा। यह एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ या स्‍वालंबी भारत बनाने के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जो बढ़े हुए औद्योगिक उत्पादन और रोजगार के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।

आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन :

एनआईसीडीपी से महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें अनुमानित 1 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां और नियोजित औद्योगीकरण के माध्यम से 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इससे न केवल आजीविका के अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि उन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में भी योगदान मिलेगा जहां ये परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।

स्‍थायी विकास के प्रति प्रतिबद्धता :

एनआईसीडीपी के तहत परियोजनाओं को स्‍थायित्‍व पर ध्यान केन्‍द्रित करते हुए तैयार किया गया है, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए आईसीटी-सक्षम उपयोगिताओं और हरित प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है। गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और टिकाऊ बुनियादी ढांचा प्रदान करके, सरकार का लक्ष्य ऐसे औद्योगिक शहर बनाना है जो न केवल आर्थिक गतिविधि के केंद्र हों, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के मॉडल भी हों।

एनआईसीडीपी के तहत 12 नए औद्योगिक नोड्स की स्वीकृति भारत की वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एकीकृत विकास, टिकाऊ बुनियादी ढाँचे और निर्बाध कनेक्टिविटी पर रणनीतिक ध्यान देने के साथ, ये परियोजनाएं भारत के औद्योगिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने और आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए तैयार हैं।

इन नई मंजूरियों के अलावा, एनआईसीडीपी ने पहले ही चार परियोजनाओं को पूरा होते देखा है, और चार अन्य वर्तमान में कार्यान्वयन के अधीन हैं। यह निरंतर प्रगति भारत के औद्योगिक क्षेत्र को बदलने और एक जीवंत, टिकाऊ और समावेशी आर्थिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

About The Author

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *