माँ ने ‘यकृत’ दान कर बचाई बेटी की जान
मुख्यमंत्री सहायता निधि से मिला ‘आर्थिक सहारा’
मुंबई, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
सात वर्षीय देवांशी पिछले कई महीनों से गंभीर लीवर रोग से जूझ रही थी। डॉक्टरों ने आखिरकार बताया कि उसे बचाने का एकमात्र उपाय लीवर प्रत्यारोपण सर्जरी ही है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 20 लाख होगी। परंतु सब्ज़ी बेचकर गुजर-बसर करने वाले इस परिवार के लिए इतना बड़ा खर्च वहन करना संभव नहीं था। ऐसे कठिन समय में मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मादाय रुग्णालय सहायता कक्ष से परिवार को आर्थिक मदद मिली। देवांशी की माँ ने अपनी बेटी को जीवनदान देने के लिए स्वयं का यकृत दान किया और सर्जरी सफल रही।
वाशिम जिले के मंगरुळपीर तहसील के वरूड (बु.) गांव के निवासी रवींद्र गावंडे बेचने विक्री का व्यवसाय करते हैं। उनकी बेटी देवांशी को कई दिनों से पेट दर्द, बुखार और उल्टी जैसी शिकायतें थीं। पहले मंगरुळपीर और अकोला में उसका इलाज कराया गया, लेकिन सुधार न होने पर उसे नागपुर ले जाया गया। जांच में डॉक्टरों ने बताया कि उसका यकृत गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त है और तत्काल प्रत्यारोपण आवश्यक है। डॉक्टरों ने उपचार की लागत 20 लाख बताई।
इस बीच, देवांशी के पिता को अपने दोस्तों से मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत इस कक्ष से संपर्क किया और सोशल मीडिया के माध्यम से भी मदद की अपील की। कक्ष के प्रयासों से देवांशी का आगे का इलाज मुंबई के वाडिया हॉस्पिटल में शुरू हुआ। इलाज के लिए प्रमुख राशि मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष और टाटा ट्रस्ट की मदद से जुटाई गई, जबकि बाकी रकम सामाजिक संस्थाओं और गांव वालों के सहयोग से एकत्र की गई। देवांशी की मां मीनाक्षी गावंडे ने अपना यकृत दान किया, और 7 जुलाई 2025 को यह प्रत्यारोपण सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हुई।
अब देवांशी की तबीयत स्थिर है और उसमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उसे अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है। “मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष और टाटा ट्रस्ट की समय पर मिली मदद से ही हमारी बेटी की जान बच सकी,” देवांशी के पिता रवींद्र गावंडे ने कहा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार हर जरूरतमंद और गरीब मरीज को समय पर इलाज उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से कक्ष लगातार कार्यरत है। देवांशी इसका एक प्रेरणादायी उदाहरण है। हमें खुशी है कि हम समय पर मदद कर सके,” मुख्यमंत्री सहायता निधि व धर्मादाय रुग्णालय मदत कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक ने कहा।
