मर्सिडीज-बेंज़ इंडिया और महाराष्ट्र सरकार के बीच समृद्धी महामार्ग पर सड़क सुरक्षा साझेदारी – राष्ट्रीय स्तर पर बनेगा आदर्श मॉडल : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

सुरक्षित यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
मुंबई, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मर्सिडीज-बेंज़ इंडिया ने महाराष्ट्र सरकार के साथ समृद्धी महामार्ग पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा परियोजना में साझेदारी की है। यह सहयोग उनके कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) कार्यक्रम के तहत किया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह उपक्रम राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श मॉडल बन रहा है, और इसकी सफल कार्यान्वयन से महाराष्ट्र के अन्य उच्च-जोखिम वाले मार्गों पर भी इसी तरह की परियोजनाएं शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
सेव लाइफ फाउंडेशन के माध्यम से मर्सिडीज-बेंज़ इंडिया के साथ हुए इस समझौता ज्ञापन (MoU) का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि समृद्धी महामार्ग पर प्रतिदिन औसतन 10 लाख वाहन चलते हैं, ऐसे में इस मार्ग पर सड़क सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि वाहन और सुरक्षा क्षेत्र में अग्रणी मर्सिडीज-बेंज़ इंडिया इस प्रयास में सक्रिय भागीदारी निभा रही है। यह साझेदारी न केवल समृद्धी महामार्ग बल्कि पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा के लिए एक परिवर्तनकारी मॉडल बन सकती है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र राज्य मार्ग विकास महामंडल (MSRDC) और राज्य राजमार्ग पुलिस, इस परियोजना को औपचारिक रूप से सहयोग प्रदान करेंगे और अन्य विभागों के साथ समन्वय भी स्थापित करेंगे।
समृद्धी महामार्ग महाराष्ट्र सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जो राज्य के दस ज़िलों को जोड़ती है और व्यापार, पर्यटन व दैनिक आवागमन के लिए एक जीवनरेखा के रूप में कार्य करती है। इस 701 किमी लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण तीव्र गति से हुआ है, जिससे कम समय में तेज़ और सुरक्षित यात्रा संभव हो सकी है।
इस परियोजना का पहला चरण (नागपुर से शिर्डी – 520 किमी) 11 दिसंबर 2022 को, दूसरा चरण (शिर्डी से भरवीर – 80 किमी) 26 मई 2023 को और तीसरा चरण (भरवीर से इगतपुरी – 25 किमी) 4 मार्च 2024 को यातायात के लिए खोला गया है। अंतिम चरण इगतपुरी से आमणे (जिला ठाणे) तक 76 किमी की दूरी का है, जिसे जल्द ही खोलने की योजना है।
मर्सिडीज-बेंज़ इंडिया ने एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में सड़क सुरक्षा के अपने मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए, सेव लाइफ फाउंडेशन और महाराष्ट्र राज्य मार्ग विकास महामंडल के सहयोग से “समृद्धी महामार्ग पर शून्य मृत्यु कॉरिडोर (Zero Fatality Corridor)” नामक पहल मार्च 2024 में शुरू की है, जो 2026 तक जारी रहेगी।
701 किमी लंबे इस मुंबई–नागपुर महामार्ग पर “सड़क सुरक्षा के चार ई” – अभियांत्रिकी (Engineering), प्रवर्तन (Enforcement), आपातकालीन सेवा (Emergency Care) और जनजागरूकता (Education) के आधार पर विभिन्न उपाय लागू किए जा रहे हैं। इस प्रयास से सड़क दुर्घटना मृत्यु दर में 29% की गिरावट (2023 में 151 मौतें, 2024 में 107) दर्ज की गई है। साथ ही, यह भी सामने आया है कि केवल 17% मार्ग पर ही 39% मौतें हुई हैं (दिसंबर 2024 तक)।
प्रमुख उपायों में शामिल हैं :
अभियांत्रिकी समाधान
626 किमी मार्ग पर दुर्घटना संवेदनशीलता का विश्लेषण, उच्च मृत्यु दर वाले क्षेत्रों में संकेत चिह्न, ‘गो स्लो’ मार्किंग, गति सीमा संकेतक, 12 स्थानों पर प्रमुख चिन्ह लगाए गए हैं। चालू गति कैमरे, छह VASS (वेहिकल एक्टिवेटेड स्पीड साइन) और VIDES प्रणाली के माध्यम से गलत आदतों (जैसे सीट बेल्ट न लगाना, गलत लेन में चलाना) की पहचान की जा रही है। 70 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
आपातकालीन सेवा सुधार
वैजापुर उपजिला अस्पताल और जालना जिला अस्पताल में डिफिब्रिलेटर, ECG मशीन, सर्जिकल किट जैसी सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। 90 प्राथमिक उत्तरदाताओं को BTLS प्रशिक्षण और WHO के “Chain of Survival” सिद्धांत के अनुसार काम किया जा रहा है।
जनजागृति और शिक्षा
सुरक्षित ड्राइविंग को लेकर दीर्घकालीन डिजिटल अभियान फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चलाया जा रहा है। वर्ष 2025–2026 के दौरान परियोजना का विस्तार कर और भी उपाय लागू किए जाएंगे।
यह पहल एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रही है। यह स्पष्ट हुआ है कि डेटा-आधारित समाधान, सरकारी नेतृत्व और बहु-हितधारक समन्वय के जरिए सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को बड़े पैमाने पर कम किया जा सकता है।