संवाद के माध्यम से विवादों को सुलझानेवाला ‘मीडिएशन फॉर द नेशन’ विशेष अभियान : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पहल

संवाद के माध्यम से विवादों को सुलझानेवाला ‘मीडिएशन फॉर द नेशन’ विशेष अभियान : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पहल
पुणे, जुलाई (जिमाका)
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) व मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री सूर्यकांत के मार्गदर्शन में ‘मीडिएशन फॉर द नेशन’ अर्थात ‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ नामक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पुणे जिले में भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र के. महाजन के मार्गदर्शन में सभी न्यायालयों में बातचीत के माध्यम से विवादों को सुलझाने का यह अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य पूरे भारत में तालुका न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालयों तक लंबित मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा करना है। यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक 90 दिनों तक चलेगा।
इस विशेष अभियान का लाभ उठाएं और नागरिक अपने न्यायालयों में लंबित अपने मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से समझ और सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करें। यह अपील मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री महाजन और प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सोनल एस. पाटिल ने की है।
अभियान इस प्रकार होगा : आपको 31 जुलाई तक मध्यस्थता के लिए अपना मामला दर्ज करना होगा। योग्य दावों का चयन किया जाएगा और उन्हें 31 जुलाई, 2025 तक मध्यस्थता के लिए भेजा जाएगा। 1 सितंबर से 25 सितंबर, 2025 के बीच दावों का समाधान होने के बाद उन्हें भेजने का अवसर मिलेगा। इस अभियान में निम्न प्रकार के मामलों पर मध्यस्थता के लिए विचार किया जाएगा : तलाक, बाल अधिकार, भरण-पोषण, वैवाहिक मामले, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस (धारा 138), बैंकिंग, वित्त, बीमा मामले, व्यवसाय/सेवा मामले, उपभोक्ता शिकायतें, ऋण वसूली, मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाए गए आपराधिक मामले, विभाजन, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और अन्य पात्र सिविल मामले।
प्रक्रिया के चरण क्या हैं : मध्यस्थता प्रक्रिया में पहचान और मार्गदर्शन, दोनों पक्षों को आमने-सामने लाने के लिए संयुक्त बैठक, प्रत्येक पक्ष के साथ अलग-अलग बातचीत, विकल्पों पर विचार और परामर्श तथा लिखित सहमति समझौता जैसे चरण शामिल होंगे। इस अभियान के दौरान सप्ताह भर कार्यालय आधारित सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। यह सुविधा ऑफलाइन, ऑनलाइन या ऑफलाइन और ऑनलाइन हाइब्रिड स्वरूप में उपलब्ध होगी। तालुका या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऑनलाइन मध्यस्थता सेवाएं प्रदान करेगा। इसमें 40 घंटे के प्रशिक्षित मध्यस्थ भाग लेंगे। साथ ही, सलाहकारों और विषय विशेषज्ञों की मदद भी इस योजना की खासियत है।
इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुणे (दूरभाष क्रमांक 020-25534881, 8591903612), ईमेल आईडी disapune2@gamil.com पर संपर्क करें और इस योजना का लाभ उठाने की अपील जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय की ओर से की गई है।