मुंबई, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कानून और व्यवस्था के प्रभावी कार्यान्वयन से देश महासत्ता की ओर बढ़ सकता है। कानून और व्यवस्था के पालन के दौरान नशीली दवाओं से जुड़े अपराध पुलिस बल के सामने चुनौती बने हुए हैं और इसके लिए राज्य ने शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति अपनाई है। साथ ही, बदलते समय के अनुसार साइबर अपराधों की जांच और समाधान के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करना आवश्यक है, यह उन्होंने स्पष्ट किया।

इंडियन पुलिस फाउंडेशन के 10वें स्थापना दिवस के अवसर पर “भारत के आर्थिक विकास के लिए पुलिस बल का पुनर्कल्पना” विषय पर चर्चा सत्र का आयोजन पुलिस मुख्यालय, कुलाबा में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्य रूप से संबोधन दिया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सामाजिक न्याय राज्य मंत्री असीम अरुण, इंडियन पुलिस फाउंडेशन के प्रमुख एवं मेघालय के पूर्व राज्यपाल आर.एस. माशारी, फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह, राज्य के पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, मुंबई पुलिस आयुक्त देवन भारती और विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस और मुंबई पुलिस ने हमेशा उच्च मानक बनाए रखने का गर्व किया है। पुलिस द्वारा आज भारत के आर्थिक विकास पर चर्चा करना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल में और सुधार लाने के लिए इस कार्यक्रम में होने वाला विचार मंथन महत्वपूर्ण होगा, और इससे उत्पन्न नई पहलों पर शासन सकारात्मक विचार करेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पुलिस बल और समाज में एकता आवश्यक है। इससे समाज में नकारात्मकता कम होती है और राज्य व देश स्थायी प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं।
समय के साथ अपराधों का स्वरूप बदल गया है। पुराने समय के स्थायी मूल्यों के साथ नई तकनीक का उपयोग कर प्रगति संभव है। इसी दृष्टि से 2023 में नई पुलिस संगठनात्मक संरचना तैयार की गई है। अपराधों के शीघ्र समाधान में सहायता के लिए अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा लैब का निर्माण किया गया है। अन्य देशों ने भी ऐसी लैब बनाने की इच्छा व्यक्त की है। एआई की मदद से जटिल अपराध मामलों को तेज़ी से सुलझाने में सहायता मिल रही है।
देश और राज्य की सभी तीन शक्तिशाली संस्थाओं के होने के कारण, नशीली दवाओं के माध्यम से अपराध बढ़ाने और युवाओं को निष्क्रिय करने की कोशिश हो रही है। वर्तमान में नशीली दवाओं से संबंधित अपराध पुलिस के सामने एक चुनौती हैं, जिसमें शून्य सहनशीलता का पालन अत्यंत आवश्यक है।
संविधान में पुलिस व्यवस्था में चेक और बैलेंस का प्रावधान है, और कई अधिकारियों ने उपलब्ध कानूनों का उपयोग कर परिवर्तनकारी सुधार किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट अंग्रेजों के समय के कानून हैं, जिन्हें लोकतंत्र के आधार पर आवश्यकतानुसार संशोधित किया गया।
पुलिस की भूमिका को अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग आवश्यक है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपराध बढ़ रहे हैं, इसलिए डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, डिजिटल ट्रैकिंग और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना जरूरी है, ताकि ऑनलाइन अपराधों का शीघ्र समाधान किया जा सके।
हमारी अर्थव्यवस्था पहले कृषि आधारित थी। वर्तमान में भी कृषि क्षेत्र का महत्व है, लेकिन बदलते समय के अनुसार अर्थव्यवस्था सेवा क्षेत्र पर अधिक निर्भर है। राज्य और देश की अर्थव्यवस्था 55 से 65 प्रतिशत सेवा क्षेत्र पर आधारित है। दोनों क्षेत्रों की चुनौतियाँ अलग हैं, इसलिए बदलते सेवा क्षेत्र को समझना आवश्यक है। पुलिस बल के आधुनिकीकरण के साथ-साथ स्थायी मूल्यों को बनाए रखना भी आवश्यक है।
इस अवसर पर निवेश वातावरण, वैश्विक स्थिरता, पुलिस प्रशासन और डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा, रणनीतिक पुलिस-उद्योग सहयोग जैसी विषयों पर भी चर्चा की गई।
