कोंढवा शाखा का विभाजन : बनेगा नया येवलेवाड़ी शाखा कार्यालय : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे परिमंडल के रास्ता पेठ शहर मंडल के सेंट मेरी उपविभाग के अंतर्गत आने वाले कोंढवा शाखा कार्यालय में बिजली ग्राहकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने के कारण इस कार्यालय का विभाजन किया गया है। इसके अंतर्गत नया येवलेवाड़ी शाखा कार्यालय स्थापित किया जाएगा, यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में लक्षवेधी सूचना का उत्तर देते हुए दी।
यह लक्षवेधी सूचना विधायक चेतन तुपे ने प्रस्तुत की थी।
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि कोंढवा खुर्द, शिवनेरी नगर और कोंढवा बुद्रुक जैसे इलाकों में भी अलग शाखा कार्यालय स्थापित करने के संबंध में ग्राहकों की संख्या, राजस्व वृद्धि और महावितरण कंपनी की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य के प्रमुख शहरों में बिजली आपूर्ति को सुरक्षित और मजबूत करने के लिए भूमिगत बिजली लाइनों की योजना को महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग की मंजूरी मिल गई है और इन योजनाओं का कार्यान्वयन शुरू हो चुका है। साथ ही, 0 से 100 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले घरेलू ग्राहकों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए अनुदान (सब्सिडी) दी जाएगी, जिसे राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत पुणे जोन में बड़े पैमाने पर कार्य किए जा रहे हैं—
- क्लस्टर रिडक्शन के लिए 162 करोड़
- फीडर सेग्रीगेशन के लिए 250 करोड़
- सिस्टम सशक्तिकरण सहित कुल 412 करोड़ का खर्च
- इसके अतिरिक्त, SIDBI के माध्यम से 37 करोड़ और पावर एवैक्युएशन के लिए 43 करोड़, कुल 105 करोड़ का निवेश किया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत 6 नए उपकेंद्र, 6 अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर और लगभग 700 नए ट्रांसफॉर्मर लगाने का लक्ष्य है।
पुणे शहर में कोंढवा-येवलेवाड़ी उपशाखा समेत कुल आठ नई उपशाखाएं शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। इन प्रस्तावित शाखाओं में शामिल हैं:
- धायरी-मढे
- किरकटवाड़ी-नांदेड सिटी
- मांजरी-शेवळवाडी
- देहू रोड-रावी
- मुंढवा-मगरपट्टा
- मुलशी-बोऱ्हाडेवाडी
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने बताया कि जिन क्षेत्रों में बिजली वितरण बॉक्स टूटे हुए या जर्जर हालत में हैं, वहां तत्काल नए और सुरक्षित बॉक्स लगाने के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस मीटर की लागत बिजली बिल में नहीं जोड़ी जाएगी बल्कि एनर्जी सेविंग से वसूली की जाएगी। अब तक राज्य में लगभग 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और उनमें से केवल 1% पर शिकायतें मिली हैं जिन्हें सुलझा लिया गया है।
स्मार्ट मीटर वाले ग्राहकों को ‘सोलर आवर्स’ में 10% छूट दी जा रही है, जिससे उनका बिजली बिल वास्तव में कम हुआ है। इसलिए अब स्मार्ट मीटर के कारण बिल बढ़ने की शिकायतें लगभग बंद हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री श्री.फडणवीस ने कहा कि पहले मीटर रीडिंग में पारदर्शिता की कमी थी—जैसे कि पुराने फोटो जोड़ना या बिना घर जाए फोटो भेजना, लेकिन स्मार्ट मीटर से यह सब बंद हुआ है। अब बिजली खपत का सीधा माप होता है। ग्राहक यदि मोबाइल ऐप डाउनलोड करें तो प्रत्येक घंटे की खपत की जानकारी देख सकते हैं।
0 से 100 यूनिट बिजली खपत करने वाले ग्राहकों के लिए विशेष छूट दी गई है। बीते 20 वर्षों में हर साल बिजली दरों में 10% की वृद्धि होती थी, लेकिन अब अगले 5 वर्षों में हर साल दरों में कमी की जाएगी। विशेष रूप से 0–100 यूनिट उपयोग करने वाले करीब 70% ग्राहकों के लिए 26% तक दरें घटाई गई हैं।
मुख्यमंत्री श्री.फडणवीस ने बताया कि हाल ही में मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार ने अलग योजना तैयार की है, जिसमें रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। 0 से 100 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले ग्राहक यदि यह सौर प्रणाली लगाते हैं तो उन्हें एक भी रुपया बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।
इस लक्षवेधी सूचना में विधायक अमित देशमुख ने भी भाग लिया।