कपिल शिंदे ने विकलांगता पर काबू पाकर राज्यस्तरीय संगीत वाद्य प्रतियोगिता में हासिल किया दूसरा स्थान
पुणे, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
झेप रेमेडियल लर्निंग सेंटर के प्रतिभाशाली छात्र कपिल शिंदे ने अपनी विकलांगता पर विजय प्राप्त करते हुए दिव्योत्सव राज्यस्तरीय संगीत वाद्य प्रतियोगिता में तबला वादन में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उसकी इस सफलता पर न केवल झेप का बल्कि पूरे पुणे कैंटोन्मेंट को गर्व है।

संगीत के प्रति असीम प्रेम और दृढ़ संकल्प की कहानी
कपिल, जो जन्मजात बौद्धिक विकलांगता के साथ पैदा हुआ था। वो संगीत में गहरी रुचि रखता है, लेकिन उसके सूक्ष्म गतिक कौशल पूरी तरह विकसित नहीं। उसके हाथों की गति सीमित थी, इसलिए झेप ने उसकी उंगलियों की गति बढ़ाने एवं उसके गतिक कौशल को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया। उसके माता-पिता ने उसे निजी क्लास में भी दाखिला दिलाया। झेप से प्रेरित होकर कपिल ने निरंतर अभ्यास के ज़रिए अपनी पहचान बनाई है। उसका आत्मविश्वास और समर्पण उनके वाद्य के ताल में साफ़ झलकता है। उसके शिक्षक और सहपाठी कहते हैं, कपिल साधना कभी नहीं छोड़ता। ‘कोई सीमा नहीं, इच्छाशक्ति रहनी चाहिए!’ यह उसका हौसला है।
राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में सफलता
दिव्यांग छात्रों के लिए राज्यस्तर पर कार्यरत बाल कल्याण संगठन द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में राज्य भर के कई जिलों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कपिल ने अपने प्रभावशाली वादन और वाद्य यंत्र पर लयबद्ध सटीकता से निर्णायकों का ध्यान आकर्षित किया। उसके प्रदर्शन में भावना, तकनीक और सौंदर्य का अद्भुत मिश्रण दिखा।
कपिल की सफलता प्रेरणा का प्रतीक
कपिल की सफलता सभी दिव्यांग छात्रों के लिए प्रेरणादायी है। अपने दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और संगीत के प्रति प्रेम के कारण ही वह आज इस ऊँचाई तक पहुँच पाया है।
प्रेरणादायक उदाहरण
विकलांगता से जूझते हुए कपिल ने इसी साल दसवीं की परीक्षा पास की है और झेप सेंटर के सभी छात्र कपिल की राज्यस्तरीय उपलब्धि से बेहद उत्साहित हैं। कपिल की यह सफलता समाज में दिव्यांग छात्रों की क्षमता को पहचानने के नज़रिए को और मज़बूत करेगी। झेप के समन्वयक प्रधानाचार्य मनीष खंडागले के साथ ही सभी शिक्षकों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों ने कपिल का अभिनंदन करके उसे आगे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
