कलियुग के योद्धा सांसद संजय राउत

कलियुग के योद्धा सांसद संजय राउत
आपकी पुस्तक ‘स्वर्ग इन हेल’ पढ़ने के लिए आई। श्री अविनाश भोसले द्वारा सुझाया गया पुस्तक का शीर्षक वास्तव में उपयुक्त है, यह पुस्तक पढ़ने के बाद ही इसका अहसास होता है। बहुत डरावनी और सच्चे अर्थों में नरक यातना जेल में सहन करनी पड़ती है, यह मैं अच्छी तरह जानता हूं। यह पुस्तक यानी शिवसैनिक क्या है? और अगर वह ठान ले तो वो कुछ भी कर सकता है! इसका एक प्रमुख उदाहरण आपकी गिरफ्तारी से लेकर जेल से रिहाई तक की यात्रा है।
ऐसा कहते हैं कि हम अपने अच्छे समय में जो बोते हैं, वह बुरे दिनों में उगता है; इसीलिए, आपके बुरे समय में देश की महान हस्तियों से लेकर सामान्य शिवसैनिक तक हर कोई आपके पीछे मजबूती से खड़ा रहा। विशेष रूप से आपके परिवार की सच्ची सराहना की जानी चाहिए; बिना किसी झिझक के और न डगमगाते हुए वे चट्टान की तरह आपके पीछे समर्थन में खड़े रहे, बाकी तो राजनीति होती रहेगी। यह तो निश्चित है कि राजनीति का स्वरूप बदल रहा है। हालाँकि, पुस्तक में आपके लेखन से हमारा जज्बा और बढ़ गया है।
शिवसैनिक व संघर्ष एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, लेकिन पुस्तक पढ़ने के बाद मुझे लगता है कि आपका संघर्ष न केवल हमेशा याद रखा जाएगा बल्कि एक मार्गदर्शक का भी काम करेगा। जेल में कई विषयों और प्रतिबंध का विवरण ध्यान देने योग्य है।
राउत साहब, मैं एक बार फिर आपको अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ आपकी लड़ाई के लिए सलाम करता हूं क्योंकि आपने वीरतापूर्वक परिस्थिति का सामना किया और वंदनीय बालासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक झुकनेवाला नहीं था, इसलिए नियति ने न्यायाधीशों के मुख से बेल स्वीकृत (बेल ग्रॅण्टेड) की घोषणा कर दी और पूरे आकाश में खुशी की लहर दौड़ गई।

श्री सनी वसंत गवते
(युवासेना शहर प्रमुख पुणे शहर)
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