16/07/2025

के. जे. एजूकेशन इंस्टीट्यूट के ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में विभिन्न गतिविधियां के साथ मनाया गया ‘पठन प्रेरणा दिवस’

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के.जे.एजूकेशन इंस्टीट्यूट के ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में विभिन्न गतिविधियां के साथ मनाया गया ‘पठन प्रेरणा दिवस’

कोंढवा, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जयंती एवं पठन प्रेरणा दिवस विभिन्न गतिविधियों के साथ मनाया गया। उक्त कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के मैकेनिकल विभाग के द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा प्रोफेसर मोनिका जाधव एवं प्रोफेसर सारिका कोरडे के मार्गदर्शन में किया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शरद कांदे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के व्यक्तित्व से उपस्थित छात्रों को अवगत कराया। वह भारत के मिसाइल मैन से परिचित हैं और उन्हें भारतरत्न से भी सम्मानित किया गया है। साथ ही अपने जीवन को देश के लिए कैसे सार्थक बनाएं, इसकी मिसाल ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हैं।

विभाग प्रमुख प्रा. भैरवनाथ जाधव ने प्रेरणा दिवस के महत्व को बताते हुए डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन कार्यों की समीक्षा की। विद्यार्थी मनोगत में सुमित शेवते ने ‘वाचाल तर वाचाल’ वाक्य से वर्तमान स्थिति पर विचार कर पढ़ने के महत्व के बारे में बताया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मिसाइल लॉन्चिंग पैड का प्रदर्शन रहा, जिसे तृतीय वर्ष के अब्दुल्ला, रेहान, ईशान ने प्रस्तुत किया। साथ ही मिसाइल की प्रतिकृति अबूज चवले, हर्ष सिंह, विकास यादव ने किया।

पठन प्रेरणा दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इस प्रतियोगिता के संचालन में छात्र हर्ष गांधी और सुमित शेवते का बहुमूल्य सहयोग मिला। आर्ट गैलरी में प्रथम पुरस्कार श्रेया सूर्यवंशी और द्वितीय पुरस्कार अनुष्का खैरे ने जीता। रंगोली प्रतियोगिता में प्रांजलि सोनवणे, मधुरा जगताप ने प्रथम पुरस्कार और पृथा मरकड़ ने द्वितीय पुरस्कार जीता।

साथ ही पुस्तकालय में वैकल्पिक पठन सामग्री से बनी पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने पठन का लाभ उठाया।

इस अवसर पर संस्था के संस्थापक कल्याणराव जाधव व संस्था के संकुल संचालक समीर कल्ला ने भी छात्रों को संबोधित किया। यहां सभी विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

कार्यक्रम का सूत्र-संचालन सफिना शेख व श्रावणी बामगुडे और आभार प्रदर्शन ग्रंथपाल स्वाति मते ने किया।

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