23/06/2025

पक्षकारों को न्याय दिलाने के लिए उभरते वकीलों को निरंतर अध्ययन करना ज़रूरी : न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे

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पक्षकारों को न्याय दिलाने के लिए उभरते वकीलों को निरंतर अध्ययन करना ज़रूरी : न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे
-जुन्नर में पुराने न्यायालय भवन के लिए विकास योजना तैयार करें : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
-जुन्नर में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और दीवानी न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर के न्यायालयों का उद्घाटन संपन्न

पुणे, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पक्षकारों का जीवन वकील के हाथ में है, इसलिए पक्षकारों को न्याय दिलाने के लिए नए वकीलों को न्यायाधीश के समक्ष मामले की प्रस्तुति और वरिष्ठ वकीलों से मामले के सत्यापन का अध्ययन जारी रखना चाहिए। यह विचार मुंबई उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे ने व्यक्त किये। ‘सभी के लिए और सभी तक न्याय’ इस उद्देश्य से जहां-जहां भी आवश्यक है वहां न्यायिक बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।

IMG-20250216-WA0436-300x200 पक्षकारों को न्याय दिलाने के लिए उभरते वकीलों को निरंतर अध्ययन करना ज़रूरी : न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे
जुन्नर में जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश व दीवानी न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर अदालत का उद्घाटन न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे के शुभ हाथों किया गया, तब वे बोल रही थीं। इस अवसर पर यहां उपमुख्यमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री अजीत पवार, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संदीप मारणे, न्यायमूर्ति आरीफ सा. डॉक्टर, प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश पुणे महेंद्र महाजन, विधायक शरद सोनवणे, जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जुन्नर एस. एस. नायर, सिविल जज वरिष्ठ स्तर एडवोकेट ए. एच. हुसेन, महाराष्ट्र व गोवा बार कौन्सिल के उपाध्यक्ष एडवोकेट अहमद खान पठाण, एडवोकेट हर्षद निंबालकर, एडवोकेट विट्ठल कोंडे-देशमुख, एडवोकेट राजेंद्र उमाप आदि उपस्थित थे।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे ने कहा कि जनता को न्याय के लिए संघर्ष न करना पड़े, इसके लिए न्यायिक बुनियादी ढांचा बहुत महत्वपूर्ण है। मामलों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, न्यायपालिका प्रणाली में जनता के विश्वास को ध्यान में रखते हुए जुन्नर में जिला और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और दीवानी न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर के न्यायालय स्थापित किए गए हैं। पुणे जिला देश का सबसे बड़ा न्यायिक जिला है, इसलिए जहां भी आवश्यक हो न्यायिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना आवश्यक है।

IMG-20250216-WA0435-300x200 पक्षकारों को न्याय दिलाने के लिए उभरते वकीलों को निरंतर अध्ययन करना ज़रूरी : न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे
जुन्नर में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीशों तथा दीवानी न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर के न्यायालयों की स्थापना से विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई होगी, प्रत्येक मामला पीड़ित और आरोपी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, इसलिए न्यायाधीशों व वकीलों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अदालत का विश्वास न खोए; इसलिए प्रत्येक मामले का वकीलों द्वारा सावधानीपूर्वक अध्ययन किया जाना चाहिए। प्रत्येक मामले का सत्यापन किया जाना चाहिए। लोगों के अधिकारों के लिए उनके रक्षक बनकर उनकी रक्षा करें। मामले पर गंभीरता से विचार करके वकीलों को सबूत अदालत में पेश करना चाहिए। नवोदित वकीलों को वकालत में कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए। कानून का गहन अध्ययन करना चाहिए और विभिन्न धाराओं का उपयोग कर निष्पक्ष तरीके से पक्षकारों को न्याय दिलाना चाहिए। यह सलाह उन्होंने दी।

जुन्नर में अदालतें तालुका में मामलों में तेजी लाकर नागरिकों को समय पर व शीघ्रता से न्याय दिलाने में सक्षम बनाएंगी। न्याय मिलने में देरी, न्याय न मिलने के समान है और वकील इस देरी को रोकने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। अत: पक्षकारों को परेशानी न हो इसके लिए वकीलों को बार-बार सुनवाई की तारीखें नहीं मांगनी चाहिए। घरेलू हिंसा से संबंधित विवादों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए न्यायाधीशों की मदद भी लेनी चाहिए।

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जुन्नर में पुराने न्यायालय भवन के लिए विकास योजना तैयार करें : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
जुन्नर में पुरानी अदालत की इमारत वर्ष 1838 की है और विभिन्न शासनों के मामले क्षेत्र के भुइकोट किले, गढ़ी से संचालित होते थे; इस ऐतिहासिक इमारत के पुनर्विकास के संबंध में विभिन्न मांगों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय, पुरातत्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, वकील एसोसिएशन व अन्य के साथ मिलकर एक विकास योजना तैयार करें। यह निर्देश उपमुख्यमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री अजीत पवार ने दिए।

हमारे देश, राज्य में न्यायपालिका पर जनता का बहुत भरोसा है। लोकतंत्र की रक्षा में न्यायालयों की प्रमुख भूमिका है, इसलिए राज्य में आवश्यक स्थानों पर न्यायालय भवनों के निर्माण हेतु निधि उपलब्ध करायी जा रही है। जुन्नर में न्यायालय भवन परिसर के विकास और आवास के संबंध में कार्रवाई की जा रही है और इसके लिए आवश्यक निधि उपलब्ध कराई जाएगी। भविष्य में क्षेत्र का ऐसा विकास किया जाएगा कि जुन्नारवासियों को गर्व हो। न्यायालय भवन आकर्षक एवं सभी सुविधाओं से युक्त हो तथा नागरिकों को न्याय मिले, इसके लिए जिले में चरणबद्ध तरीके से न्यायालय भवन का विकास किया जा रहा है। जुन्नर में जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायालय की इमारत का उद्घाटन किया गया और जुन्नर के लोगों के न्यायिक इतिहास में एक खुशी और गर्व का क्षण है। इस न्यायालय के कारण पक्षकारों को खेड़-राजगुरुनगर आने-जाने में समय और ईंधन की बचत होगी और परिणामस्वरूप परेशानी भी कम होगी। इससे अदालतों के माध्यम से आपराधिक मामलों, दीवानी और आपराधिक मामलों को निपटाने में मदद मिलेगी। क्षेत्र के उभरते अधिवक्ताओं को सेवा के साथ-साथ व्यवसाय बढ़ाने का भी अवसर मिलेगा। शिवाजीनगर में वकीलों की मांग पर सकारात्मक विचार कर भवन के अनुकूल शौचालय एवं परिसर का निर्माण कराया जायेगा। मुंबई में उच्च न्यायालय के नए भवन के निर्माण के लिए बीकेसी में जगह उपलब्ध कराई गई है। देश के सर्वश्रेष्ठ वास्तुकार द्वारा उत्कृष्ट योजना उपलब्ध कराई जानी चाहिए। देश के सर्वश्रेष्ठ उच्च न्यायालय का निर्माण मुंबई में किया जाएगा। यह विश्वास श्री पवार ने व्यक्त किया।

भारत के संविधान के अनुसार अदालत देश में कानून लागू करने के साथ-साथ नागरिकों को न्याय प्रदान करने की भी भूमिका निभाती हैं। भारत के संविधान ने न्यायपालिका को स्वतंत्रता दी है, इसलिए वह निडर होकर और सिद्धांतपूर्वक काम करती है। न्यायालय लोकतंत्र का एक स्तंभ है और नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत: छत्रपति शिवाजी महाराज की रयत राज्य अवधारणा को सामने रखकर वकीलों को पक्ष का पक्ष रखना चाहिए और न्याय दिलाना चाहिए।

न्यायमूर्ति श्री मारणे ने कहा कि पुणे देश का सबसे बड़ा न्यायिक जिला है और एक आंकड़े के मुताबिक महाराष्ट्र में लंबित 53 लाख मामलों में से 7 लाख 10 हजार मामले अकेले पुणे जिले में लंबित हैं। इन लंबित मामलों के निपटारे के लिए नई न्यायिक सुविधाएं स्थापित करना आवश्यक है और इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। न्याय व्यवस्था पर नागरिकों को भरोसा है और इसे कायम रखने तथा समय पर फैसले देने के प्रयास किये जाने चाहिए। इसके लिए वकीलों को अपनी स्थिति सुधारने का प्रयास करना चाहिए।
न्यायमूर्ति आरीफ सा. डॉक्टर ने कहा कि जुन्नर यहां की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्षेत्र के आम लोगों को पारदर्शी तरीके से समय पर न्याय मिले इसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करना होगा।

न्यायाधीश श्री महाजन ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशन में काम करते समय राज्य सरकार की मदद जरूरी है। राज्य सरकार के सहयोग से जिले में पांच जिला एवं अपर सत्र न्यायालय स्थापित किये गये हैं। जुन्नर में जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायालय शुरू हो गए हैं और इससे क्षेत्र के निवासियों को लाभ होगा।

एडवोकेट अहमदखान पठाण ने अपना मनोगत व्यक्त किया। कार्यक्रम का प्रास्ताविक जुन्नर वकील संघ के अध्यक्ष एडवोकेट शिवदास तांबे ने किया।
इस अवसर पर विधि व न्याय विभाग के सचिव सतीश वाघोले, सहसचिव विलास गायकवाड, पूर्व विधायक बालासाहेब दांगट, अतुल बेनके, न्यायाधीश, वकील, विभिन्न वकील संघटन के पदाधिकारी, नागरिक उपस्थित थे।

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