दीक्षा-शिक्षा के लिए गुरु है महत्वपूर्ण : प्रो.अवधेश कुमार

हिंदी विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस का हुआ आयोजन 

वर्धा, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क) 
मनुष्य को जीवन में सफल बनने के लिए गुरु द्वारा दी गई दीक्षा व शिक्षा आवश्यक है। शिष्य के भीतर की चेतना जगाने में गुरु महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विचार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के साहित्य विद्यापीठ तथा छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर आयोजित शिक्षक दिवस कार्यक्रम में व्यक्त किए। शुक्रवार, 5 अगस्त को तुलसी भवन के महादेवी वर्मा सभागार में शिक्षक दिवस पर  उपस्थित शिक्षक व विद्यार्थियों की ओर से दीप दीपन एवं सर्वपल्ली राधाकृष्णन के फोटो पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर प्रो. अवधेश कुमार ने संबोधित किया।
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उन्होंने सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षा क्षेत्र में योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि शिक्षक को आत्म परीक्षण, आत्म नियमन,आत्म परिष्कार कर शिष्य के भीतर की चेतना को जगाने का काम करते रहना चाहिए। भारतीय ज्ञान परंपरा में गुरु-शिष्य परंपरा का बड़ा महत्व रहा है। चाणक्य, वाल्मीकि जैसी विभूतियां अच्छे गुरु के उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि एक आदर्श शिक्षक को बेहतर समाज बनाने की दिशा में काम करना चाहिए और चुनौतीभरे कार्य में अपनी वाणी, आचरण व चरित्र से शिष्य के बीच आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे ने किया। राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन किया गया।‌
कार्यक्रम में डॉ. एच.ए. हुनगुंद, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. अशोक नाथ त्रिपाठी, डॉ. जयंत उपाध्याय, डॉ. राजेश लेहकपुरे, डॉ. विपिन कुमार पाण्डेय, डॉ. रूपेश कुमार सिंह, डॉ. श्रीनिकेतन मिश्र, डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्डेय, डॉ. रणंजय सिंह, डॉ . प्रदीप, डॉ. प्रकाश त्रिपाठी, डॉ. रवि कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. राम प्रकाश यादव, डॉ. हिमांशु नारायण सहित हेमंत दुबे, मिथिलेश राय, सौरभ, अश्विन श्रीवास, विनोद ढगे व बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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