भारत सागरी उद्योग और व्यापार क्षेत्र में विश्व के लिए दीपस्तंभ बनने को तैयार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री ने मुंबई में इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 के अंतर्गत ‘ट्रांसफॉर्मेटिव इनिशिएटिव फॉर शिपिंग एंड शिपबिल्डिंग’ का शुभारंभ किया
मुंबई, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
समुद्र केवल सीमा नहीं, बल्कि विकास का एक विशाल अवसर है — इसी दृष्टिकोण के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज ने सागरी क्षेत्र में भारतीय सामर्थ्य का ध्वज फहराया था। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भारत अब सागरी उद्योग और व्यापार क्षेत्र में विश्व के लिए दीपस्तंभ बनने को तैयार है, ऐसा प्रतिपादन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।

उन्होंने मुंबई के गोरेगांव स्थित बॉम्बे एग्ज़िबिशन सेंटर (नेस्को) में आयोजित इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 के अंतर्गत ‘मेरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव’ में 2.2 लाख करोड़ के ‘ट्रांसफॉर्मेटिव इनिशिएटिव फॉर शिपिंग एंड शिपबिल्डिंग’ का शुभारंभ भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय पोत, नौवहन व जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह, केंद्रीय बंदरगाह राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, तथा राज्य के बंदरगाह मंत्री नितेश राणे उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2016 में मुंबई से भारतीय सागरी सप्ताह की शुरुआत हुई थी और आज यह एक वैश्विक आयोजन बन गया है। इस कार्यक्रम में अग्रणी कंपनियों के प्रमुखों से लेकर स्टार्टअप्स और निवेशक, तथा 85 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ 12 लाख करोड़ से अधिक के समझौता ज्ञापन (MoUs) हुए हैं, जो भारत की सागरी शक्ति पर विश्व के बढ़ते विश्वास का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में भारत का सागरी क्षेत्र तेज़ी से प्रगति कर रहा है, और 2025 यह क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक वर्ष सिद्ध हो रहा है। पिछले दस वर्षों में भारतीय सागरी क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं — भारतीय बंदरगाह अब विकसित देशों के बंदरगाहों की बराबरी कर रहे हैं। देश के बंदरगाहों की माल ढुलाई क्षमता दोगुनी हुई है, और जेएनपीटी अब देश का सबसे बड़ा बंदरगाह बन गया है।
उन्होंने कहा कि भारत का ध्यान अब ब्लू इकॉनॉमी के विकास पर है, और जहाज निर्माण (शिपबिल्डिंग) में भारत अग्रणी बन रहा है। बड़े जहाज निर्माण को अब इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया गया है, जिसके लिए 70,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा, जिससे लाखों रोजगार सृजित होंगे।
उन्होंने बताया कि वाढवण बंदरगाह के विकास में 76,000 करोड़ का निवेश किया जा रहा है, और देश के बंदरगाहों की क्षमता चार गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। सागरी क्षेत्र में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा राज्य सरकारों को भी इसमें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
“सागरी क्षेत्र के विकास में विश्व के देशों का बढ़ता सहयोग देखकर, हमें मिलकर शांति, प्रगति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए,” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा।
महाराष्ट्र में सागरी उद्योग में निवेश की असीम संभावनाएँ : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 में पिछले तीन दिनों से गहन विचार-विमर्श हो रहा है, और इसके माध्यम से सागरी उद्योग व व्यापार के नवीनतम प्रौद्योगिकी और नवाचार को दुनिया तक पहुँचाने का कार्य हुआ है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र ने इस आयोजन के दौरान विभिन्न देशों के साथ 56,000 करोड़ के समझौते (MoUs) किए हैं। इन समझौतों में जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत, पुनर्चक्रण, बंदरगाह विकास, क्षमता विस्तार और कौशल विकास (स्किल डेवेलपमेंट) से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और दूरदृष्टि के कारण देश के सागरी क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास हुआ है। जेएनपीटी बंदरगाह की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट बन गया है, जबकि वाढवण जैसे विश्वस्तरीय बंदरगाह महाराष्ट्र में विकसित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में सागरी उद्योग और व्यापार में निवेश के लिए अपार अवसर उपलब्ध हैं। विश्व की कंपनियों को महाराष्ट्र में निवेश कर इस विकास यात्रा का हिस्सा बनना चाहिए।”
मेरीटाइम वीक से सागरी व्यापार व उद्योग में तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन : केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
केंद्रीय पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत अब स्वयं जहाज निर्माण करने वाला देश बन गया है।
उन्होंने कहा कि इस मेरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव के माध्यम से विश्वस्तरीय सागरी उद्योग के नेता एक मंच पर आए हैं, जिससे प्रौद्योगिकी और नवाचार के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल रहा है, और इसका लाभ भारत के सागरी उद्योग व व्यापार को प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि और नेतृत्व के कारण भारत का सागरी उद्योग नई ऊँचाइयों पर पहुँचा है और अब भारत में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है।
