भारत–ब्रिटेन साझेदारी : वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का महत्वपूर्ण स्तंभ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का संयुक्त बयान
• व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और रक्षा क्षेत्रों में अभूतपूर्व अवसर
मुंबई, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
भारत और ब्रिटेन विभिन्न क्षेत्रों में स्वाभाविक भागीदार हैं। यह संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून का शासन जैसी समान मूल्यों पर आधारित है। वर्तमान वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत–ब्रिटेन की बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बन गई है, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं तथा व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और रक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व अवसर उत्पन्न हुए हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। मुंबई के राजभवन में आज उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष जुलाई में ब्रिटेन दौरे के दौरान, दोनों देशों ने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते से व्यापार और रोजगार सृजन में वृद्धि होगी तथा उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ आए अब तक के सबसे बड़े व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति इस साझेदारी में नई ऊर्जा का संकेत है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उद्योग जगत की शिखर बैठकें, सीईओ मंच और वैश्विक फिनटेक महोत्सव के माध्यम से सहयोग की नई संभावनाएँ खुली हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आज की बैठक में दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक और पश्चिम एशिया में स्थिरता, तथा यूक्रेन में जारी संघर्ष पर भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन और गाज़ा में शांति स्थापित करने के लिए संवाद और कूटनीति के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असीमित सहयोग की संभावनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम ब्रिटेन की औद्योगिक विशेषज्ञता और अनुसंधान क्षमता को भारत की प्रतिभा और पैमाने से जोड़ रहे हैं। पिछले वर्ष शुरू की गई भारत–ब्रिटेन तकनीकी सुरक्षा पहल (Technology Security Initiative) नवाचार को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने बताया कि खनिज क्षेत्र में सहयोग के लिए एक नया औद्योगिक संघ स्थापित किया जा रहा है, जिसका सैटेलाइट कैंपस आईएसएम धनबाद में होगा। सतत विकास के लिए दोनों देशों ने भारत–यूके ऑफशोर विंड टास्कफोर्स और जलवायु तकनीकी स्टार्टअप फंड की भी स्थापना की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालय भारत में अपना कैम्पस शुरू कर रहे हैं। साउथैम्पटन विश्वविद्यालय का गुरुग्राम कैम्पस उद्घाटित किया जा चुका है, जबकि तीन अन्य विश्वविद्यालयों की शाखाएँ गिफ्ट सिटी में स्थापित की जा रही हैं।
भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा सहयोग और सुदृढ़
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है और दोनों देश संयुक्त उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके अतिरिक्त, दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य प्रशिक्षण सहयोग समझौता भी हुआ है, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षक अब ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स में प्रशिक्षक के रूप में कार्य करेंगे। मुंबई में बैठक के दौरान ही दोनों देशों की नौसेनाए ‘कोंकण 2025’ नामसे संयुक्त अभ्यास कर रही हैं, जो हमारी मजबूत सामरिक साझेदारी का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिटेन में रहने वाले 18 लाख भारतीय मूल के लोग दोनों देशों के बीच मित्रता का जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने ब्रिटिश समाज और अर्थव्यवस्था में जो योगदान दिया है, उसने दोनों देशों के बीच मित्रता और विकास के पुल को और सशक्त बनाया है।
भारत की गतिशीलता और ब्रिटेन की विशेषज्ञता मिलकर एक अद्वितीय सामंजस्य उत्पन्न करती है। हमारी साझेदारी प्रतिभा, तकनीक और विश्वास पर आधारित है। हम मिलकर दोनों देशों के लोगों के लिए उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे, ऐसी आशा प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त की।
भारत और ब्रिटेन के बीच मानव संबंध ही इस रिश्ते की सच्ची पहचान हैं, जैसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह देशों, लोगों और दिलों को जोड़ने वाला जीवंत पुल है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने मुंबई में आयोजित द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के दौरान कहा।
स्टार्मर ने कहा कि भारत और ब्रिटेन मिलकर एक आधुनिक और भविष्य उन्मुख साझेदारी बना रहे हैं, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के लिए नई संभावनाएँ उत्पन्न होंगी। भारत–ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) को पूरा करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, जिससे आयात शुल्क में कमी आएगी, बाजारों तक पहुँच बढ़ेगी, रोजगार सृजित होंगे और जीवन स्तर में सुधार होगा। आर्थिक लाभों से परे, इस प्रक्रिया से उत्पन्न आपसी विश्वास और सहयोग की भावना भारत–ब्रिटेन संबंधों को और मजबूत कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस बैठक का भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में होना प्रतीकात्मक है। भारत की आर्थिक प्रगति असाधारण है। मैं प्रधानमंत्री मोदी को 2028 तक भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य और ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टिकोण के लिए बधाई देता हूँ। हम इस यात्रा में भारत के साझेदार बनना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान ब्रिटेन से 126 कंपनियों का अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भारत आया है, ताकि भारत–ब्रिटेन व्यापार समझौते के अवसरों को वास्तविकता में बदला जा सके।
स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटेन और भारत दोनों ही प्रौद्योगिकी और नवाचार के अग्रणी देश हैं। इसलिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत संचार प्रणाली और रक्षा प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने का हमारा संकल्प है।
उन्होंने बताया कि बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग ब्रिटेन में करने के लिए एक नया समझौता किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए सभी ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में अपने कैम्पस शुरू करेंगे। इससे ब्रिटेन भारत का अग्रणी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा भागीदार बनेगा और विजन 2035 को साकार करने में मदद मिलेगी।
