हिंदी विश्वविद्यालय में कौशल, क्षमताओं को बढ़ाने कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यशाला प्रारंभ
वर्धा, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में भारत सरकार की मिशन कर्मयोगी पहल के तहत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए एक राष्ट्रीय कर्मयोगी कार्यशाला का आयोजन गुरुवार, 16 अक्टूबर को महादेवी सभागार में किया गया।
विश्वविद्यालय की ओर से साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार, सॉफ्टवेअर एसोशिएट के. के. त्रिपाठी एवं सहायक संपादक डॉ. अमित कुमार विश्वास को कर्मयोगी प्रशिक्षण के लिए राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय भेजा गया था, जो विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। राष्ट्रीय कर्मयोगी एक वृहद जनसेवा कार्यक्रम है जिसमें सेवाभाव और सहानुभूति से कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। विश्वविद्यालय में 40 शिक्षक और कर्मचारियों के प्रथम समूह को प्रशिक्षण दिया गया।
यह iGOT कर्मयोगी (Integrated Government Online Training) नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के कौशल और क्षमताओं को बढ़ाना है ताकि वे बेहतर और प्रभावी सेवा प्रदान कर सकें। इस प्लेटफॉर्म पर विभिन्न प्रकार के स्व-गति वाले पाठ्यक्रम, वेबिनार और सहकर्मी-शिक्षण के अवसर उपलब्ध हैं। इसे सितंबर 2020 में शुरू किया गया था और इसका लक्ष्य एक ऐसे नागरिक-केंद्रित सिविल सेवा का निर्माण करना है जो नागरिकों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हो।
इसके लिए एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म, iGOT कर्मयोगी, का उपयोग किया जाता है, जो अधिकारियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण प्रदान करता है। कार्यक्रम का उद्देश्य कर्मचारियों के दृष्टिकोण, कार्यक्षमता और नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करना है, ताकि उनके व्यक्तिगत लक्ष्य विश्वविद्यालय के और देश के विकास दृष्टिकोण के अनुरूप बन सकें। इस कार्यक्रम में संज्ञानात्मक परिवर्तन, नेतृत्व, टीम भावना, नैतिकता और सेवा उत्कृष्टता जैसे विषयों पर संवादात्मक सत्र आयोजित किए गए। कार्यक्रम में प्रतिभागियों में साझा किया कि इस प्रशिक्षण से उनकी कार्य प्रेरणा,उद्देश्य भावना और संगठनात्मक जुड़ाव में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
