सरकारी आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी महाविद्यालयों के शिक्षकों के मानधन में वृद्धि

सरकारी आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी महाविद्यालयों के शिक्षकों के मानधन में वृद्धि
मुंबई, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
राज्य के सरकारी आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालयों में संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) पर कार्यरत शिक्षकों के मानधन में वृद्धि के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल बैठक में मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने की।
सरकारी महाविद्यालयों में सेवानिवृत्ति, इस्तीफा, पदोन्नति आदि कारणों से पद रिक्त रहते हैं, और महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के माध्यम से नियमित भर्ती होने तक वर्ष 2022 में संविदा नियुक्तियों को मंजूरी दी गई थी। इन पदों पर ठोस मानधन (fixed honorarium) पर नियुक्ति की जा रही थी।
कुछ विषयों के लिए योग्य उम्मीदवार आसानी से नहीं मिल पा रहे थे, इसलिए मानधन बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई। इसी पृष्ठभूमि पर मानधन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
नया मानधन इस प्रकार है :
- प्राध्यापक (Professor) – 1,50,000 प्रति माह
- सहयोगी प्राध्यापक (Associate Professor) – 1,20,000 प्रति माह
- सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) – 1,00,000 प्रति माह
इस निर्णय से रिक्त पदों के लिए अधिक योग्य उम्मीदवार आकर्षित होंगे और शैक्षणिक गुणवत्ता भी बनी रहेगी, ऐसा विश्वास व्यक्त किया गया।
निजी अनुदानित आयुर्वेद, यूनानी संस्थाओं के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को आश्वासित प्रगति योजना
राज्य के निजी अनुदानित आयुर्वेद और यूनानी संस्थाओं में कार्यरत गट–ब, गट–क व गट–ड संवर्ग के सरकार द्वारा स्वीकृत पदों पर कार्यरत शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को एक व दो लाभों वाली संशोधित आश्वासित प्रगति योजना को पूर्वलक्ष्यी प्रभाव से लागू करने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
इस निर्णय से संबंधित कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के अनुसार वेतनवृद्धि का लाभ मिलेगा, जिससे उनका आर्थिक व सेवा स्थायित्व बढ़ेगा और वेतन वृद्धि में आ रही रुकावटें दूर होंगी।
वित्त विभाग के दिनांक 1 अप्रैल 2010, 5 जुलाई 2010 और 6 सितंबर 2014 के शासकीय निर्णयों में जो शर्तें व प्रावधान दिए गए हैं, वे इस योजना पर पूर्वलक्ष्यी प्रभाव से लागू होंगे।
यह योजना मुंबई स्थित आयुष संचालनालय के अंतर्गत कार्यरत निजी अनुदानित संस्थाओं में सरकारी स्वीकृत पदों पर कार्यरत पात्र कर्मचारियों पर लागू होगी।
इस योजना का लाभ देने से पहले :
- कर्मचारी की भर्ती संबंधित संस्था द्वारा प्रचलित सेवा प्रवेश नियमों के अनुसार हुई है या नहीं,
- और पात्रता की जाँच
इन दोनों की ज़िम्मेदारी आयुष संचालनालय की होगी।
इस निर्णय से लंबे समय से लंबित शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की न्यायोचित मांग को राहत मिलेगी।