फलटण महिला चिकित्सा अधिकारी आत्महत्या मामले की तत्काल उच्च-स्तरीय जाँच की जाए : प्रा. विद्या संतोष होडे
पुणे, नवंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
फलटण जिला सातारा उप-जिला अस्पताल की महिला चिकित्सा अधिकारी की आत्महत्या मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की कथित संलिप्तता और इस दौरान हुई गंभीर प्रशासनिक चूक की तत्काल उच्च-स्तरीय जाँच की जाए। यह मांग पुणे पुलिस आयुक्त से शिवसेना ठाकरे गुट पुणे शहर महिला आघाड़ी की शहर समन्वयक प्रा. विद्या संतोष होडे ने निवेदन देकर की है। इस अवसर पर यहां शहर समन्वयक निकिता मारटकर, उपशहरप्रमुख अमृता पठारे युवती सेना विस्तारक मृण्मयी लिमये उपस्थित थीं।
प्रा. विद्या संतोष होडे ने आगे बताया कि फलटण उपजिला अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सा अधिकारी की आत्महत्या बेहद चौंकानेवाली है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं कि पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल बदने ने उनके साथ अत्याचार किया और प्रशांत बनकर व अन्य ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, जैसा कि उनकी मौत से पहले उनकी हथेली पर लिखे शब्दों से पता चलता है। साथ ही, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनिल महाडीक और उप-विभागीय पुलिस अधिकारी राहुल धस से समय-समय पर शिकायत किए जाने के बावजूद, उन्हें जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया गया है। अतः महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम और उन्हें क़ानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदार पुलिस के अधिकारियों पर इस तरह के आरोप लगना क़ानून-व्यवस्था की दृष्टि से बेहद चिंताजनक है। यह बेहद चिंताजनक है और राज्य प्रशासन की छवि को धूमिल करता है। पीड़ित परिवार ने राजनीतिक हस्तक्षेप और दमन के गंभीर आरोप भी लगाए हैं और तत्काल न्याय की मांग की है।
उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर, यह आवश्यक है कि इस मामले की निष्पक्ष, गहन एवं समयबद्ध जाँच किसी स्वतंत्र एवं उच्च-स्तरीय जाँच यंत्रणा द्वारा कराई जाए। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में किसी भी महिला अधिकारी या कर्मचारी को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े, इसलिए हम इस पत्र के माध्यम से आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अपने स्तर पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक प्रशासनिक सुधार करने हेतु तत्काल निर्देशित करें।
