डॉ. प्रदीप को SWAYAM पोर्टल पर MOOCs पाठ्यक्रम निर्माण हेतु पाठ्यक्रम समन्वयक नियुक्त किया गया

डॉ. प्रदीप को SWAYAM पोर्टल पर MOOCs पाठ्यक्रम निर्माण हेतु पाठ्यक्रम समन्वयक नियुक्त किया गया
वर्धा, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के संस्कृत साहित्य विभाग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रदीप को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नयी दिल्ली द्वारा SWAYAM पोर्टल पर स्नातकोत्तर स्तर के MOOCs पाठ्यक्रम के निर्माण हेतु पाठ्यक्रम समन्वयक (Course Coordinator) के रूप में नामित किया गया है। यह नामांकन यूजीसी द्वारा गठित विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध-निष्ठा एवं विषय विशेषज्ञता को मान्यता देते हुए किया गया है। डॉ. प्रदीप द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम का विषय है – “भारतीय सौन्दर्यशास्त्र : आचार्य अभिनवगुप्त के परिप्रेक्ष्य में”, जो स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा पहल के अंतर्गत विकसित किया जाएगा तथा SWAYAM पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। इसमें आचार्य अभिनवगुप्त के कश्मीर शैव दर्शन आधारित सौन्दर्य सिद्धान्तों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के अनुरूप प्रस्तुत किया जाएगा।
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने डॉ. प्रदीप को बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि, “डॉ. प्रदीप की यह नियुक्ति विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है। यह उपलब्धि न केवल उनकी अकादमिक क्षमता की स्वीकृति है, अपितु डिजिटल भारत अभियान में उनकी सक्रिय सहभागिता का प्रतीक भी है।”
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आनन्द पाटील ने भी इस अवसर पर डॉ. प्रदीप को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि, “संस्कृत शिक्षण सामग्री को डिजिटल माध्यम से विद्यार्थियों तक पहुँचाने में डॉ. प्रदीप की भूमिका प्रशंसनीय होगी। उनके प्रयास से छात्रों को अभिनवगुप्त के सौन्दर्यशास्त्र को गहराई से समझने का अवसर प्राप्त होगा।”
इस MOOCs पाठ्यक्रम का निर्माण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सभी शैक्षणिक, तकनीकी एवं मूल्यांकन मानकों के अनुरूप किया जाएगा। पाठ्यक्रम में निर्धारित क्रेडिट संरचना (Credit Structure) भी शामिल होगी, जिससे विद्यार्थी इसे औपचारिक शिक्षा में समाहित कर सकेंगे। डॉ. प्रदीप की यह नियुक्ति संस्कृत साहित्य, भारतीय दर्शन एवं डिजिटल शिक्षा क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो युवाओं एवं शोधार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा के गंभीर अध्ययन के लिए प्रेरित करेगी। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के शिक्षक विभिन्न शैक्षणिक परियोजनाओं के माध्यम से निरंतर संस्थागत और राष्ट्रीय शैक्षणिक परिदृश्य को समृद्ध करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है।