चुनावी कदाचार पर 135 भरारी दल और 129 स्थिर सर्वेक्षण दलों का ध्यान

चुनावी कदाचार पर 135 भरारी दल और 129 स्थिर सर्वेक्षण दलों का ध्यान

पुणे, मार्च (जिमाका)
लोकसभा आम चुनाव-2024 के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च और चुनावी कदाचार (गैरप्रकार) की निगरानी के लिए जिले में 135 भरारी टीमें और 129 स्थिर सर्वेक्षण टीमों का गठन किया गया है। यह जानकारी शिकायत निवारण कक्ष द्वारा दी गई है।

व्यय नियंत्रण के लिए जिले के जिलाधिकारी तथा जिला चुनाव अधिकारी के अधीन जिला स्तर पर समन्वय अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा प्रत्येक चुनाव क्षेत्र के चुनाव निर्णय अधिकारी स्तर पर व्यय दल नियुक्त किया गया है। इस टीम का कार्य अन्य विभिन्न टीमों के समन्वय से किया जाता है। भरारी टीम (एफएसटी), स्थिर सर्वेक्षण टीम (एसएसटी), वीडियो सर्वेक्षण टीम (वीएसटी), वीडियो निरीक्षण टीम (वीवीटी), मीडिया नियंत्रण और प्रमाणन समिति (एमसीएमसी), जिला नियंत्रण कक्ष और शिकायत नियंत्रण कक्ष आदि भी व्यय टीम को सहयोग करते हैं। साथ ही इस काम में आयकर विभाग और राज्य उत्पाद शुल्क विभाग की भी मदद ली जाती है। जिले के चारों लोकसभा चुनाव क्षेत्रों के अंतर्गत 21 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 135 एफएसटी टीमें और 129 एसएसटी टीमें स्थापित की गई हैं। भोर चुनाव क्षेत्र में 15 और अन्य 20 चुनाव क्षेत्रों में प्रत्येक में 6 एफएसटी स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा भोर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में 9 और शेष विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक 6 एसएसटी स्थापित किए गए हैं।

इन टीमों द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकद, शराब और प्रतिबंधित पदार्थों की यातायात अवरुद्ध करना, आचार संहिता के उल्लंघन की घटनाओं पर ध्यान देना, चुनावी कदाचार के बारे में जानकारी प्राप्त करने और सिविल और नियंत्रण कक्ष में प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई आदि कार्य किए जाते हैं।
उम्मीदवार, राजनीतिक दलों के प्रचार की सभी जाहिर सभा, रैलियों की वीडियो शूटिंग वीएसटी के माध्यम से की जाती हैं और उसकी निगरानी वीवीटी द्वारा की जाती है। प्रत्येक विधानसभा चुनाव क्षेत्र में 3 वीएसटी और 2 वीवीटी नियुक्त किए गए हैं। इस टीम का अवलोकन व्यय टीम के लिए उपयोगी होता है। एमसीएमसी द्वारा उम्मीदवारों के अखबार और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन खर्च की रिपोर्ट समिति को भेजती है। इन विभिन्न माध्यमों से उम्मीदवारों द्वारा दिखाए गए चुनाव खर्चों का सत्यापन किया जाता है। यदि खर्च नहीं दिखाया जाता है तो इस आशय का नोटिस देकर उसके चुनाव खर्च में शामिल कर लिया जाता है।

प्रत्येक विधानसभा चुनाव क्षेत्र के लिए सहायक व्यय निरीक्षक नियुक्त किया जाता है। केंद्र सरकार के आयकर विभाग, केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग, केंद्रीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग या केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों के अधिकारियों को सहायक व्यय निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाता है। वे विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में व्यय सत्यापन का काम उचित रूप से जारी है क्या इसका निरीक्षण करना और व्यय निरीक्षकों और जिला चुनाव अधिकारी व्यय सत्यापन के लिए सहायता करने का काम करते हैं। साथ ही उम्मीदवारों के व्यय रजिस्टर के साथ-साथ शॅडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर पर भी नियंत्रण रखता है। यह जानकारी जिला चुनाव प्रशासन की ओर से दी गई है।

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