दिंडी जनजागृति : ट्रिनिटी के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा सामाजिक जागरूकता नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति

दिंडी जनजागृति : ट्रिनिटी के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा सामाजिक जागरूकता नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति
कोंढवा, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
आगामी आषाढ़ी एकादशी की पृष्ठभूमि में ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने दिंडी जनजागृति विषय पर एक सामाजिक जागरूकता नुक्कड़ नाटक पालकी के सासवड़ में विश्राम के दौरान प्रस्तुत किया। इस पहल के माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, नशा निवारण, जल संसाधन, महिला शिक्षा, वृक्षारोपण, दहेज प्रथा, कृषि और किसान संरक्षण का महत्व समाज को बताया गया।
यह नुक्कड़ नाटक ग्रंथपाल स्वाति मते के समन्वय में आयोजित किया गया था। उक्त पूरे कार्यक्रम का मार्गदर्शन प्राचार्य डॉ. शरद कांदे ने किया।
प्राचार्य डॉ. शरद कांदे ने कहा आषाढ़ी दिंडी सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं है। यह सामाजिक एकता का प्रतीक है। इस दिंडी के माध्यम से हम समाज में अच्छे विचार, स्वच्छता के प्रति जागरूकता और अच्छे आचरण का संदेश पहुंचा सकते हैं। ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक का यह नुक्कड़ नाटक छात्रों को मूल्य शिक्षा का वास्तविक अनुभव प्रदान करता है।
इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. हनुमान इंगले के नेतृत्व में वृक्षों के बारे में प्रबोधन किया गया। इसके अलावा विभागाध्यक्ष प्रो. भैरवनाथ जाधव और विभाग के सभी प्राध्यापकों ने अभंग के माध्यम से महिला शिक्षा पर जागरूकता की। साथ ही विभागाध्यक्ष प्रो. प्रतीक्षा सनस ने जल का महत्व तो प्रो. युवराज पवार के विभाग ने किसानों के बारे में प्रबोधन किया। साथ ही प्रो. अजय जाधव ने वासुदेव की भूमिका निभाकर प्रबोधन में भाग लिया। इसमें श्री सोमनाथ कोंडे का सहयोग बहुमूल्य रहा। इसके लिए संस्था के संस्थापक श्री कल्याणराव जाधव एवं संकुल निदेशक समीर कल्ला का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
नुक्कड़ नाटक में सभी शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने विभिन्न सामाजिक संदेश दिए। स्वच्छ गांव-सुंदर गांव, नशा मुक्त जीवन, पर्यावरण बचाओ और आओ मिलकर समाज बनाएं जैसे नारों से पूरा परिसर गूंज उठा। यह पहल शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान और जिम्मेदारी का एक बेहतरीन उदाहरण थी।