डिजिटल क्रांति के माध्यम से भारत की वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में प्रगति : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मुंबई, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
डिजिटल क्रांति के माध्यम से भारत आत्मनिर्भरता से आगे बढ़ते हुए अब वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। इस परिवर्तनकारी यात्रा में ब्रिटेन, एक स्वाभाविक साझेदार के रूप में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है, यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि फिनटेक नवाचारों का उपयोग आम नागरिकों के जीवन में समृद्धि लाने के लिए किया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने प्रौद्योगिकी का अत्यंत कुशल उपयोग करते हुए सुरक्षित और सतत डिजिटल वित्तीय प्रणाली का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। डिजिटल लेनदेन के माध्यम से भारत ने दुनिया के सामने समावेशी और पारदर्शी वित्तीय तंत्र का एक नया मॉडल पेश किया है। उन्होंने वैश्विक निवेशकों और देशों से भारत की इस वैश्विक महाशक्ति बनने की यात्रा में सहभागी बनने का आमंत्रण दिया।

मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने संयुक्त रूप से भाग लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ईींळषळलळरश्र खपींशश्रश्रळसशपलश – अख) की सहायता से वित्तीय प्रणाली को और अधिक मजबूत, कुशल तथा सतत बनाने के प्रयास में है। डिजिटल वित्तीय लेनदेन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और समावेशी बनाने में एआई की भूमिका निर्णायक सिद्ध हो रही है।

उन्होंने कहा कि भारत के कौशल, गुणवत्ता और नवाचार क्षमता ने भारतीय उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना दिया है। इस कारण भारत आज वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक सशक्त और विश्वसनीय हिस्सा बन चुका है। आत्मनिर्भर भारत पहल के कारण स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिला है और वैश्विक निवेशकों का भारत पर भरोसा और मजबूत हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत ने डिजिटल प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण किया है- इसे देश के प्रत्येक नागरिक और प्रत्येक क्षेत्र तक सरल, सुलभ और सहज बनाया है।

भारत के साथ साझेदारी साझा प्रगति के नए युग की शुरुआत है : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि भारत के साथ साझेदारी दोनों देशों की परस्पर प्रगति को गति देने वाली है और यह साझा विकास के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (उएढअ) इस दिशा में नए अवसर उत्पन्न करेगा।

स्टार्मर ने कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने बताया कि भारत की आधी से अधिक जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है, जो इस देश की युवा ऊर्जा और क्षमता को दर्शाती है- विशेष रूप से मुंबई में यह ऊर्जा स्पष्ट दिखाई देती है।

स्टार्मर ने कहा कि जब यह अपार क्षमता ब्रिटेन की ताकतों के साथ मिलती है, तब हम ब्रिटेन को फिनटेक नवाचारों के लिए और भी मजबूत वैश्विक केंद्र बना सकते हैं।

उन्होंने बताया कि ब्रिटेन डिजिटल अवसंरचना, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा इकोसिस्टम में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। साथ ही, वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए तेज लाइसेंसिंग प्रक्रिया और नए वीज़ा मार्ग शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से व्यवसाय और रोजगार के लिए विशाल अवसर उत्पन्न होंगे।

इस अवसर पर दुनियाभर के नवाचारक, नीति-निर्माता, केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधि, नियामक, निवेशक, शिक्षाविद और उद्योग जगत के नेता एक मंच पर एकत्रित हुए, जिससे वैश्विक फिनटेक आंदोलन की सहयोगी भावना का प्रतीक प्रस्तुत हुआ।

 

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