स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में महाराष्ट्र ने एक बार फिर देश में अपना परचम लहराया

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में महाराष्ट्र ने एक बार फिर देश में अपना परचम लहराया
मीरा-भाईंदर देश में प्रथम : राज्य को दस राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त
पिंपरी-चिंचवड राज्य में प्रथम; कचरा मुक्त और जल प्लस शहर का दर्जा हासिल किया
नई दिल्ली, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में महाराष्ट्र ने एक बार फिर देश में अपना परचम लहराया है। राज्य को कुल दस राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इस बार मीरा-भाईंदर महानगरपालिका ने अपने वर्ग में देश में पहला स्थान हासिल कर महाराष्ट्र का गौरव बढ़ाया है।
विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह पुरस्कार वितरित किए गए। इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, राज्य मंत्री तोखन साहू तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। महाराष्ट्र की ओर से राज्य की नगर विकास राज्यमंत्री माधुरी मिसाल, प्रधान सचिव डॉ. के. एच. गोविंदराज तथा राज्य मिशन निदेशक नवनाथ वाठ ने पुरस्कार स्वीकार किए।
प्रमुख पुरस्कार :
मीरा-भाईंदर महानगरपालिका (ठाणे जिला) ने 3 से 10 लाख की जनसंख्या श्रेणी में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। राज्यमंत्री माधुरी मिसाल और आयुक्त राधा बिनोद शर्मा ने पुरस्कार स्वीकार किया।
कराड नगरपालिका ने 50 हजार से 3 लाख की जनसंख्या श्रेणी में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। पुरस्कार राज्यमंत्री मिसाल और मुख्य अधिकारी प्रशांत वाटकर ने प्राप्त किया।
नवी मुंबई महानगरपालिका को सुपर स्वच्छ लीग सिटी पुरस्कार मिला (10 लाख से अधिक जनसंख्या श्रेणी)। पुरस्कार डॉक्टर कैलास शिंदे और राज्यमंत्री ने प्राप्त किया।

अन्य पुरस्कार प्राप्त नगरपालिकाएँ :
-लोणावला (पुणे) – 50 हजार से 3 लाख श्रेणी।
-विटा (सांगली), सासवड (पुणे), देवलाली प्रवरानगर (अहिल्यानगर)।
-पंचगणी (सातारा), पन्हाला (कोल्हापुर) – 20 हजार से कम जनसंख्या श्रेणी।
पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (पुणे) को देश में सातवाँ और राज्य में पहला स्थान मिला। इसे 7 स्टार गार्बेज फ्री सिटी और वॉटर प्लस सर्टिफिकेशन भी प्राप्त हुआ।
-आधुनिक तकनीक और जनभागीदारी से सफलता।
-महाराष्ट्र की यह सफलता निम्नलिखित पहलुओं पर आधारित है : अत्याधुनिक कचरा प्रबंधन प्रणाली।
-स्रोत स्तर पर कचरा पृथक्करण।
-नागरिकों की सक्रिय भागीदारी।
-आधुनिक तकनीकों का प्रयोग।
मीरा-भाईंदर ने मशीन आधारित कचरा संग्रहण और जनजागरण से यह उपलब्धि पाई। पिंपरी-चिंचवड ने कचरा मुक्त और जल प्लस शहर का दर्जा हासिल किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी विजयी शहरों को बधाई दी और कहा कि स्वच्छता केवल स्वास्थ्य नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति का आधार है। उन्होंने महिलाओं की भागीदारी को सराहा और इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम बताया। उन्होंने सफाईमित्रों की भूमिका की सराहना करते हुए मैनहोल की बजाय मशीन-होल के उपयोग पर बल दिया।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत देशभर के 4,500 से अधिक शहरों का 10 मापदंडों पर मूल्यांकन किया गया, जिनमें कचरा संग्रहण, पृथक्करण, पर्यावरणीय उपाय, नागरिक सहभागिता और जनजागरण शामिल थे। इस वर्ष की थीम थी रिड्यूस, रीयूज़, रीसायकल। 45 दिन की अवधि में 3,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं ने 11 लाख घरों और परिसरों का सर्वे किया, जिसमें 14 करोड़ नागरिकों ने भाग लिया।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 से प्रारंभ हुआ और अब यह शहरी स्वच्छता का मजबूत स्तंभ बन गया है। राज्यमंत्री माधुरी मिसाल ने कहा कि महाराष्ट्र की यह उपलब्धि पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है और राज्य स्वच्छता की दिशा में अपनी यात्रा को और गति से जारी रखेगा।