11/07/2025

मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का बॉम्बे बार एसोसिएशन की ओर से सम्मान

Hon chief justice of India bhushan gavai at high court PROG 2

मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का बॉम्बे बार एसोसिएशन की ओर से सम्मान

मुंबई उच्च न्यायालयबॉम्बे बार एसोसिएशन और मेरे सहयोगियों ने मुझे गढ़ा: मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई

मुंबई, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

मुंबई उच्च न्यायालय की यह इमारतबॉम्बे बार एसोसिएशन और यहां के मेरे सहयोगियों ने मुझे गढ़ा है। आज जो कुछ भी मैं हूंवह इन संस्थाओं की ही देन है। बार एसोसिएशन मेरे लिए एक परिवार जैसा है। इस संस्था के समर्थन के बिना मैं आज इस पद तक नहीं पहुंच सकता था। यह वकीलों की संस्था न्यायपालिका को विचारशील व्यक्तित्व देने वाली एक मातृसंस्था है,” ये भावपूर्ण शब्द भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने अपने सम्मान समारोह के अवसर पर कहे।

बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति भूषण गवई की नियुक्ति के उपलक्ष्य में यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया था।

इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपांकर दत्तामुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधेन्यायमूर्ति गवई की पत्नी डॉ. तेजस्विनी गवईभारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंहमहाराष्ट्र गोवा बार काउंसिल के अध्यक्ष विठ्ठल देशमुखराज्य के महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफवेस्टर्न महाराष्ट्र एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत रेळेकरबॉम्बे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितीन ठक्करउपाध्यक्ष वी. आर. धोंडसचिव फरहान दुभाष सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि आज जिस कोर्टरूम में उनका सत्कार हो रहा हैवहीं कभी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” यह उद्घोषणा की थीजो आज भी प्रेरणा देती है। उन्होंने नागपुरमुंबईछत्रपती संभाजीनगर और गोवा खंडपीठों में अपने कार्यकाल के अनुभव साझा किए और बताया कि इन अनुभवों ने उनके न्यायिक दृष्टिकोण को परिपक्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, “संविधान ही हमारा सर्वोच्च मार्गदर्शक है। एक न्यायाधीश के रूप में केवल अधिकार का प्रयोग नहींबल्कि कर्तव्य का पालन करना भी उतना ही आवश्यक है। न्यायिक पदों की रिक्तियों को यदि समय पर भरा जाएतो लंबित मामलों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। हम नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता ला रहे हैं और हाल ही में कई नई नियुक्तियां की गई हैं।”

उन्होंने बार एसोसिएशन द्वारा शुरू की गई पॉडकास्ट सीरीज’ और बीबीए ऐप’ की भी सराहना की।

 “न्यायमूर्ति गवई देश भर के न्यायाधीशों के लिए आदर्श हैं – न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने न्यायमूर्ति गवई की प्रशंसा करते हुए कहा, “विधि और संविधान की उनकी समझविनम्रता और गहन अध्ययन उन्हें देशभर के न्यायाधीशों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनाता है। नागपुर से प्रारंभ हुआ उनका न्यायिक जीवन परिश्रमईमानदारी और मूल्यनिष्ठा का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि मुंबई उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल केवल ऐतिहासिक निर्णयों के लिए नहींबल्कि उनके शांतसंयमी स्वभावतीव्र विधिक बुद्धिमत्ता और सौम्य हास्यबुद्धि के लिए भी याद किया जाता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका चयन न केवल मुंबई बार बल्कि संपूर्ण उच्च न्यायालय के लिए गौरव की बात है।

 “जनसेवा और न्याय ही उनका जीवनदर्शन है – मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे

मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे ने अपने भाषण में न्यायमूर्ति गवई के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि, “जनसेवा और न्याय सेवा को ही उन्होंने अपने जीवन का ध्येय माना है। उनके दिए गए निर्णय न्यायपालिका की संवेदनशीलता और संविधान के प्रति निष्ठा को दर्शाते हैं। वे दूरदर्शी हैं और उनके निर्णयों ने जनता का न्याय व्यवस्था पर विश्वास और दृढ़ किया है।

इस अवसर पर महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफ और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

बॉम्बे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितीन ठक्कर ने स्वागत भाषण दियाऔर सचिव फरहान दुभाष ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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