मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का बॉम्बे बार एसोसिएशन की ओर से सम्मान

मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का बॉम्बे बार एसोसिएशन की ओर से सम्मान
“मुंबई उच्च न्यायालय, बॉम्बे बार एसोसिएशन और मेरे सहयोगियों ने मुझे गढ़ा” : मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई
मुंबई, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
“मुंबई उच्च न्यायालय की यह इमारत, बॉम्बे बार एसोसिएशन और यहां के मेरे सहयोगियों ने मुझे गढ़ा है। आज जो कुछ भी मैं हूं, वह इन संस्थाओं की ही देन है। बार एसोसिएशन मेरे लिए एक परिवार जैसा है। इस संस्था के समर्थन के बिना मैं आज इस पद तक नहीं पहुंच सकता था। यह वकीलों की संस्था न्यायपालिका को विचारशील व्यक्तित्व देने वाली एक मातृसंस्था है,” ये भावपूर्ण शब्द भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने अपने सम्मान समारोह के अवसर पर कहे।
बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति भूषण गवई की नियुक्ति के उपलक्ष्य में यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपांकर दत्ता, मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे, न्यायमूर्ति गवई की पत्नी डॉ. तेजस्विनी गवई, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह, महाराष्ट्र गोवा बार काउंसिल के अध्यक्ष विठ्ठल देशमुख, राज्य के महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफ, वेस्टर्न महाराष्ट्र एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत रेळेकर, बॉम्बे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितीन ठक्कर, उपाध्यक्ष वी. आर. धोंड, सचिव फरहान दुभाष सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि आज जिस कोर्टरूम में उनका सत्कार हो रहा है, वहीं कभी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने “स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” यह उद्घोषणा की थी, जो आज भी प्रेरणा देती है। उन्होंने नागपुर, मुंबई, छत्रपती संभाजीनगर और गोवा खंडपीठों में अपने कार्यकाल के अनुभव साझा किए और बताया कि इन अनुभवों ने उनके न्यायिक दृष्टिकोण को परिपक्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, “संविधान ही हमारा सर्वोच्च मार्गदर्शक है। एक न्यायाधीश के रूप में केवल अधिकार का प्रयोग नहीं, बल्कि कर्तव्य का पालन करना भी उतना ही आवश्यक है। न्यायिक पदों की रिक्तियों को यदि समय पर भरा जाए, तो लंबित मामलों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। हम नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता ला रहे हैं और हाल ही में कई नई नियुक्तियां की गई हैं।”
उन्होंने बार एसोसिएशन द्वारा शुरू की गई ‘पॉडकास्ट सीरीज’ और ‘बीबीए ऐप’ की भी सराहना की।
✦ “न्यायमूर्ति गवई देश भर के न्यायाधीशों के लिए आदर्श हैं” – न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने न्यायमूर्ति गवई की प्रशंसा करते हुए कहा, “विधि और संविधान की उनकी समझ, विनम्रता और गहन अध्ययन उन्हें देशभर के न्यायाधीशों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनाता है। नागपुर से प्रारंभ हुआ उनका न्यायिक जीवन परिश्रम, ईमानदारी और मूल्यनिष्ठा का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा कि मुंबई उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल केवल ऐतिहासिक निर्णयों के लिए नहीं, बल्कि उनके शांत, संयमी स्वभाव, तीव्र विधिक बुद्धिमत्ता और सौम्य हास्यबुद्धि के लिए भी याद किया जाता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका चयन न केवल मुंबई बार बल्कि संपूर्ण उच्च न्यायालय के लिए गौरव की बात है।
✦ “जनसेवा और न्याय ही उनका जीवनदर्शन है” – मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे
मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे ने अपने भाषण में न्यायमूर्ति गवई के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि, “जनसेवा और न्याय सेवा को ही उन्होंने अपने जीवन का ध्येय माना है। उनके दिए गए निर्णय न्यायपालिका की संवेदनशीलता और संविधान के प्रति निष्ठा को दर्शाते हैं। वे दूरदर्शी हैं और उनके निर्णयों ने जनता का न्याय व्यवस्था पर विश्वास और दृढ़ किया है।”
इस अवसर पर महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफ और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
बॉम्बे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितीन ठक्कर ने स्वागत भाषण दिया, और सचिव फरहान दुभाष ने कार्यक्रम का संचालन किया।