किताबी ज्ञान के साथ-साथ अच्छे संस्कार एवं जीवन अनुशासन भी सिखाते हैं शिक्षक : आशीष शिंदे

पुणे, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
शिक्षक किताबी ज्ञान के साथ-साथ अच्छे संस्कार और जीवन अनुशासन भी सिखाते हैं। शिक्षकों को शिक्षण को एक पेशा नहीं बल्कि एक सेवा के रूप में देखना चाहिए। यह विचार अल्फा ओमेगा क्रिश्चिन महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष आशीष शिंदे ने व्यक्त किए।

महाराष्ट्र अल्पसंख्यक ख्रिस्ती विकास परिषद, गुड समैरिटन ग्रुप और सत्य नाताल विशेषांक के सहयोग से शिक्षक दिवस के अवसर पर शहर के विभिन्न हिस्सों से 11 शिक्षकों को सम्मानित किया गया तब आयोजित किए गए समारोह में वे बोल रहे थे। यहां बिशप जॉर्ज घोलप, रेव्ह. बालचंद शेजुले, रेव्ह. सैमसन चोपडे, रेव्ह. सदानंद अमोलिक, रेव्ह. रमेश सालवी, रेव्ह.विनोद गुडे, निर्माण पेशेवर शिरीष हिवाले, प्रसिद्ध व्यवसायी विश्वासराव दलवी, उद्यमी संजय कामाठी, वरिष्ठ कवि एवं संगीतकार किशोर हिवाले, कवि लाजरस सूर्यवंशी, सामाजिक कार्यकर्ता राजन नायर, बिशप मायकल राज नाडर, पा. नवनाथ दाखले, प्रमोद वैरागर, दिनकर काले, तानाजी दाखले, मनोज येवलेकर, अमोल शिंदे, उल्लासिनी सिद्दिकी, सारा सालवी, संजय उरुणकर, सुभाष चव्हाण, शैला हेक्टर, उषा सालवी आदि गणमान्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे। उपस्थित गणमान्यों के शुभ हाथों पुणे व पिंपरी चिंचवड़ क्षेत्र के शिक्षकों को सम्मानचिन्ह, शॉल व पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का प्रास्ताविक डेविड काले ने किया। ‘गुड समैरिटन ग्रुप’ द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी पा. बेंजामिन काले ने दी।

कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन महाराष्ट्र अल्पसंख्यक ईसाई विकास परिषद, पिंपरी चिंचवड़ विभाग के अध्यक्ष डेविड काले, बेंजामिन काले, संजय कांबले, वनिता पिल्ले, प्रशांत भालशंकर, अर्पणा कामठे, सुलोचना इंगले, मनोज पिल्ले और सैमुअल काले की ओर से किया गया।

 

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