खाने से पहले, खाने के बाद और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद हाथ साबुन से अवश्य धोएं : प्रधान अध्यापिका भानुमति नायडू
हड़पसर, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
यदि हमने अस्वच्छ हाथों से खाना खाया तो हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए खाने से पहले, खाने के बाद और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद हाथ साबुन और पानी से अवश्य धोने चाहिए। पाठशाला में छात्र खाना खाने से पहले और शौचालय के बाद अपना हाथ सिर्फ गीला करते हैं, इससे बीमार पड़ने की संभावना ज्यादा होती है। यह विचार न्यू इंग्लिश स्कूल ससाणेनगर की प्रधान अध्यापिका भानुमति नायडू ने व्यक्त किये।

पी.एम. शहा फाउंडेशन की तरफ से स्कूल में आयोजित ‘विश्व हाथ धोना दिन’ कार्यक्रम में वे मार्गदर्शन कर रही थीं।
पी.एम. शहा फाउंडेशन ने ‘स्वच्छ शौचालय और पीने का शुद्ध पानी’ उपक्रम से स्वच्छ और स्वस्थ भारत बनाने में पहला कदम उठाया है। यह विचार पी.एम. शहा फाउंडेशन के डायरेक्टर एडवोकेट चेतन गांधी ने व्यक्त किये। इस उपक्रम के मार्गदर्शक प्रा. अरुण फडतरे ने बताया की पुणे शहर के बहुत से स्कूलों में हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था नहीं है।

पी.एम. शहा फाउंडेशन की चुने हुए स्कूलों में इस उपक्रम का आयोजन किया गया। न्यू इंग्लिश स्कूल ससाणे नगर में श्रेया पत्तार और रूपाली गायकवाड, श्रीमती कलावती दत्तात्रय कोतवाल स्कूल, लक्ष्मी कॉलनी में प्रधान अध्यापिका प्रतिभा जाधव, भाऊसाहेब खरात और सुशीला भोसले, ज्ञानप्रबोधिनी इंग्लिश मीडियम स्कूल, ससाणे नगर में प्रधान अध्यापिका कल्पना त्रिपाठी, योजना जाधव, स्मिता भरणे और कल्पना लुक, यशोदीप माध्यमिक स्कूल में प्रधान अध्यापक गौतम पवार और वंदना पवार, यशोदीप इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रधान अध्यापिका नीता भोसले और रोहिणी धुमाल, जिजामाता लड़कियों का हायस्कूल शुक्रवार पेठ में प्रधान अध्यापिका मनीषा पाटिल, उज्ज्वला चव्हाण और भारती भोसले, शिशुविहार प्राथमिक विद्यालय गणेशखिंड में प्रधान अध्यापिका विजया बराटे और रोहिणी केंजले, चंद्रकांत दरोडे प्राथमिक स्कूल में प्रधान अध्यापिका संगीता अंत्रे और नीता गायकवाड, हुजूरपागा गर्ल्स हायस्कूल, लक्ष्मी रोड में प्रधान अध्यापिका केतकी पेंढारकर और रेखा रायसोनी, कर्मवीर भाऊसाहेब हिरे हायस्कूल में प्रधान अध्यापक अजीत माने, मनीषा खामकर और वसंत डेरे ने हिस्सा लिया।

पी.एम. शहा फाउंडेशन की तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती मेहता, रूपाली चव्हाण और रवींद्र कावरे ने किया।
