अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हेतु नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन करें : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

🔸 कानून लागू करने के लिए विभागीय काम का रैंकिंग सिस्टम
🔸 नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक आयोजित
मुंबई, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
राज्य में अपराधों की जांच को गति देने और न्याय प्रक्रिया को तेज करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए आपराधिक कानून अत्यंत उपयोगी हैं, ऐसा मत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के तहत डिजिटल माध्यमों का प्रभावी उपयोग अपेक्षित है और न्याय प्रक्रिया में होने वाली देरी को कम करने के लिए इन कानूनों का प्रभावी अमल आवश्यक है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आवश्यक अधिसूचनाएं और आदेश जारी करने के निर्देश भी उन्होंने अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री विधान भवन में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान बोल रहे थे, जो नए आपराधिक संहिता कानूनों के राज्यस्तरीय अमल पर केंद्रित थी। बैठक में गृह राज्यमंत्री (शहरी) योगेश कदम, गृह राज्यमंत्री (ग्रामीण) डॉ. पंकज भोयर, मुख्य सचिव राजेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश :
- न्यायवैद्यकीय विभाग (Forensic Department) को समय पर परीक्षण कर अपराध सिद्ध करने वाले प्रमाण उपलब्ध कराने के निर्देश।
- राज्य के हर जिले में फॉरेंसिक वैन उपलब्ध कराई जा रही है।
- खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यदि और जनशक्ति की आवश्यकता हो, तो मांग करें।
- राज्य की नागरिक केंद्रित सेवाएं और सुविधाएं देश में अग्रणी हैं।
पुलिस और न्याय व्यवस्था को सशक्त करने के उपाय :
- पुलिस अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएं।
- मास्टर ट्रेनर तैयार कर न्यायालयीन अधिकारी, जेल कर्मचारी, फॉरेंसिक वकील आदि को प्रशिक्षित किया जाए।
- नागरिकों को ऑनलाइन FIR दर्ज करने की सरल सुविधा दी जाए।
- ई-साक्ष्य ऐप (e-Saakshi App), CCTNS प्रणाली का अधिकाधिक उपयोग हो।
- ई-कोर्ट प्रणाली को मजबूत किया जाए ताकि अपराधों को शीघ्र सिद्ध किया जा सके।
महिलाओं से जुड़े अपराधों की जांच में तेजी :
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध, विशेषकर छेड़छाड़ और अत्याचार के मामलों की जांच तेज गति से पूर्ण की जाए और शीघ्र आरोप पत्र दाखिल किए जाएं।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी :
- डॉ. श्रीकर परदेशी – मुख्यमंत्री के सचिव
- डॉ. इकबाल सिंह चहल – अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग
- रश्मी शुक्ला – पुलिस महासंचालक
- राधिका रस्तोगी – प्रधान सचिव (अपील व सुरक्षा)
- अनुप कुमार सिंह – प्रधान सचिव (कानून व व्यवस्था)
- सुवर्णा केवले – प्रधान सचिव, विधि व न्याय विभाग
- संजय कुमार वर्मा – न्यायवैद्यक महासंचालक
- सुहास वारके – अपर पुलिस महासंचालक (कारागृह)
- अन्य वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू कर न्याय वितरण प्रणाली को अधिक सक्रिय, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है। इससे महाराष्ट्र में त्वरित न्याय और अपराध नियंत्रण को नई गति मिलेगी।