आद्यक्रांतिवीर राजे उमाजी नाईक की 234वीं जयंती
पुणे, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
रामोशी-बेडर समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने राजे उमाजी नाईक आर्थिक विकास महामंडल के माध्यम से 2 लाख तक का बिना जमानत ऋण तथा समाज में उद्यमिता और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए 15 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह घोषणा करते हुए आश्वासन दिया कि समाज के विकास के लिए सरकार आगे भी हर संभव सहयोग करती रहेगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस पुरंदर तालुका के भिवडी में आयोजित आद्यक्रांतिवीर राजे उमाजी नाईक की 234वीं जयंती समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर लोकनिर्माण मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले, विधायक विजय शिवतारे, गोपीचंद पडळकर, राहुल कुल, विक्रम पाचपुते, पूर्व सांसद रंजीतसिंह निंबाळकर, पूर्व विधायक संजय जगताप, जिला कलेक्टर जितेंद्र डुडी, जिला पुलिस अधीक्षक संदीपसिंह गिल, दौलत शितोळे, अंकुश जाधव, मोहन मदने सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इंग्लिश शासन के विरुद्ध पहली चिंगारी जलाने वाले राजे उमाजी नाईक सच्चे अर्थों में क्रांतिकारी थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के मावलों की तरह उन्होंने भी गनिमी कावा के माध्यम से अंग्रेजों को सबक सिखाया। समाज की शौर्य परंपरा आज भी जीवित है और उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है।”
उन्होंने आगे कहा कि रामोशी-बेडर समाज के उत्थान के लिए राज्य सरकार गंभीर है। कैबिनेट ने 2 लाख तक का बिना जमानत ऋण और उद्यमी-व्यवसायी तैयार करने के लिए 15 लाख तक का ऋण देने को मंजूरी दी है। पुलिस भर्ती के लिए विशेष योजना तथा शिक्षा व प्रशिक्षण के लिए महाज्योति और सारथी के माध्यम से कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
ओबीसी समाज के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार ने ओबीसी मंत्रालय, महाज्योति और विभिन्न महामंडल स्थापित किए हैं। छात्रों के लिए विदेश छात्रवृत्ति, 42 छात्रावास और विभिन्न प्रशिक्षण योजनाएँ शुरू की गई हैं। जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने 18 पगड जातियों को संगठित कर स्वराज्य की स्थापना की, वैसे ही सभी जातियों को मुख्यधारा में लाना और शिवकार्य को पूर्णता देना ही सरकार का ध्येय है।”
उन्होंने उमाजी नाईक की स्मृतियों को याद करते हुए कहा, “उमाजी नाईक अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष की चिंगारी भड़काने वाले पहले नेता थे। रॉबर्ट ने ब्रिटिश सरकार को लिखे पत्र में उल्लेख किया था कि ‘उमाजी नाईक, छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह गनिमी कावा से लड़ते हैं।’ उन्होंने अन्याय के विरुद्ध खड़े होकर जनता के लिए आदेशपत्र जारी किया। उनके प्रभाव को देखते हुए अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ने पर 10,000 का इनाम घोषित किया था। रामोशी-बेडर समाज को डराने के लिए अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर चढ़ाया, लेकिन इसके बावजूद समाज स्वतंत्रता संग्राम में पीछे नहीं रहा। अंग्रेजों की साजिश के कारण समाज पर अपराधी होने का ठप्पा लगाया गया, जिसे स्वतंत्रता के पाँच वर्ष बाद मिटाया गया।”
लोकनिर्माण मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले ने कहा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रयासों से ही राज्य में ओबीसी के लिए अलग मंत्रालय, अलग मंत्री और विभिन्न महामंडल अस्तित्व में आए। महाज्योति जैसी संस्थाओं के कारण वंचित वर्ग के कई युवक तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक और वैमानिक बन पाए।”
विधायक गोपीचंद पडळकर ने अपने विचार रखते हुए बताया कि राज्य सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं। उन्होंने जानकारी दी कि छत्रपति शिवाजी महाराज की गुप्तचर शाखा के प्रमुख बहिर्जी नाईक का स्मारक बन रहा है और अब पुरंदर में राजे उमाजी नाईक का पाँच एकड़ में स्मारक स्थापित किया जाएगा।
जय मल्हार क्रांति संगठन के संस्थापक अध्यक्ष दौलत शितोळे ने प्रस्ताविक भाषण में रामोशी-बेडर समाज के इतिहास और योगदान की जानकारी दी। इस अवसर पर समाज के इतिहास पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों से पूर्व मंत्री स्वर्गीय गिरीश बापट, पूर्व विधायक स्व. बाबुराव पाचर्णे, स्व. रामभाऊ जाधव और स्व. सुनील चव्हाण को मरणोत्तर जीवनगौरव पुरस्कार तथा बाबुराव जमादार, छगन जाधव और बाबुराव चव्हाण को जीवनगौरव पुरस्कार प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने राजे उमाजी नाईक आर्थिक विकास महामंडल द्वारा स्थापित कक्ष का दौरा कर राजे उमाजी नाईक के चित्र को नमन किया। कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने राजे उमाजी नाईक स्मृति स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।