मुंबई, जुलाई (महासंवाद)
सरकारी कॉलेजों, सरकारी सहायता प्राप्त, गैर-सरकारी कॉलेजों जैसे शैक्षणिक संस्थानों में आठ लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की छात्राओं के लिए 100% शैक्षणिक और परीक्षा शुल्क माफ कर दिया गया है। उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अगर शिक्षण संस्थान फीस लेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश की छात्राओं की शिक्षा शुल्क माफी के क्रियान्वयन के संबंध में मंत्रालय में बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मंत्री श्री पाटिल ने शिक्षण संस्थानों को निर्देशित किया। इस अवसर पर विभाग के प्रमुख सचिव विकास चंद्र रस्तोगी, तकनीकी शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद मोहितकर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. शैलेन्द्र देवलंकर, उप सचिव अशोक मांडे, मुंबई विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री गायकवाड़, एसएनडीटी विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री श्री पाटिल ने कहा कि राज्य के सरकारी कॉलेजों, सरकारी सहायता प्राप्त गैर-सरकारी कॉलेजों, आंशिक रूप से सहायता प्राप्त (चरण अनुदान) और स्थायी गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों / तकनीकी कॉलेजों / सार्वजनिक विश्वविद्यालयों, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों (निजी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों / स्व-वित्त पोषित विश्वविद्यालयों को छोड़कर) में मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रम) और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के अंतर्गत आने वाले उप-केंद्रों में सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा आयोजित केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया-सीएपी (प्रबंधन कोटा और संस्थागत स्तर के प्रवेश को छोड़कर) के माध्यम से प्रवेश पाने वाले छात्रों में से जिन लड़कियों की पारिवारिक आय आठ लाख रुपये से कम है, उनसे प्रति वर्ष शिक्षा शुल्क एवं परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।

मंत्री श्री पाटिल ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय, महाविद्यालय शिक्षा शुल्क, परीक्षा शुल्क वसूलते हैं तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। यह निर्देश श्री पाटील ने बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिए।

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